नई दिल्ली, 5 नवम्बर 2024:
स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर द लैंसेट काउंटडाउन की नई रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दशक में भारत में शिशुओं और 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को हर साल औसतन आठ दिन भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा है। यह 1990-1999 के मुकाबले शिशुओं के लिए 47% और बुजुर्गों के लिए 58% की वृद्धि को दर्शाता है।
यह रिपोर्ट, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) सहित 57 वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के 122 विशेषज्ञों के योगदान को समेटे हुए है, बताती है कि सिर्फ 2023 में ही भारत में लोग हल्की बाहरी गतिविधियों जैसे टहलने के दौरान लगभग 2,400 घंटे या 100 दिनों तक मध्यम या उच्च ताप तनाव के खतरे में रहे।
29वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन, जिसे ‘कॉप29’ के नाम से भी जाना जाता है, से पहले प्रकाशित इस रिपोर्ट में यह आकलन किया गया है कि कैसे जलवायु परिवर्तन विभिन्न देशों में लोगों के स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित कर रहा है।