
शामली, 3 दिसंबर 2024:
सियासत अपनी जगह, रिश्ते अपनी जगह… बेहतर भी यही है कि ये दोनों कभी एक-दूसरे के रास्ते में न आएं।
कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया कैराना की सपा सांसद इकरा हसन और भाजपा नेत्री मृगांका सिंह ने। तो आपको बता दें कि ऐसा क्या हुआ जिसके बाद न केवल ये दोनों नेत्रियां बल्कि इनके परिवारों का इतिहास भी चर्चा में आ गया।
हुआ ये कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले की कैराना लोकसभा से सपा सांसद इक़रा सोमवार की रात मृगांका सिंह के बेटे की सगाई के फंक्शन में पहुंची और उनका यहां आना गुर्जर समाज के लिए बड़ी चर्चा का कारण बन गया।
मालूम हो कि मृगांका सिंह वही हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान बेहट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच का संचालन किया था। विधानसभा 2022 के चुनाव में इक़रा हसन के भाई नाहिद हसन से चुनाव हार गई थीं। इसके अलावा मृगांका सिंह के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने दरवाजों पर दस्तक देकर प्रचार भी किया था।
सियासत में दिखीं एक-दूसरे के खिलाफ
राजनीति के मैदान में एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी इक़रा हसन और मृगांका सिंह जब एक साथ दिखीं, वो भी बेहद खुश और एक-दूसरे के गले मिलते हुए तो इनके पुराने पारिवारिक रिश्ते भी चर्चा में आ गए। दरअसल मृगांका सिंह, रिश्ते में इकरा हसन की बुआ लगती हैं। कैसे, बताते हैं…दरअसल मृगांका के पिता और 6 बार विधायक रहे दिग्गज नेता हुकुम सिंह, इकरा हसन के पिता मुनव्वर हसन के चाचा थे।
दोनों परिवार गुर्जरों की कलस्यान खाप से संबंध रखते हैं। हसन परिवार तीन पीढ़ी पहले इस्लाम धर्म अपना चुका था जबकि मृगांका की पीढ़ियां हिन्दू ही रहीं। इसके बावजूद आज तक इनके पारिवारिक संबंधों में कोई कमी नहीं आई। ये बात दोनों परिवार स्वीकार करते हैं कि उनके पूर्वज एक ही खाप से जुड़े थे। यही वजह है कि जब मृगांका के बेटे की सगाई में इकरा पहुंचीं तो उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ और मृगांका उन्हें बेटी कहकर बुलाती दिखीं।
 
				 
					





