
मयंक चावला
आगरा, 13 दिसम्बर 2024:
“मैडम, आपका फोन हैक कर लिया गया है…” – गुरुवार सुबह की शुरुआत इस भयावह कॉल से हुई, जो एक युवा इंजीनियरिंग छात्रा के जीवन में दहशत बनकर आई।
उत्तर प्रदेश के आगरा के खंदारी इलाके में गुरुवार को एक सामान्य सुबह असामान्य घटनाओं का गवाह बनने वाली थी। बीस वर्षीय छात्रा अपने जीजा- दीदी के घर रह कर पढ़ाई कर रही थी। उस दिन वह अकेली थी, क्योंकि उसके जीजा-दीदी दिल्ली में एक शादी समारोह में गए हुए थे।
सुबह के करीब 10 बजे उसके फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को लखनऊ पुलिस का जवान बताया। उसने धमकी देते हुए कहा, “हमने आपके फोन को हैक कर लिया है और आपके अश्लील वीडियो बना लिए हैं। अगर इन्हें वायरल नहीं करवाना चाहती हैं, तो तुरंत 16 हजार रुपये ट्रांसफर कर दीजिए।”
डर और घबराहट में, छात्रा ने अपने खाते में मौजूद 1800 रुपये तुरंत ट्रांसफर कर दिए। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। अगले साढ़े तीन घंटे उसके लिए किसी दहशत की कहानी से कम नहीं थे। धोखेबाज ने उससे लगातार संपर्क बनाए रखा, यहां तक कि एक कथित ‘सीनियर’ से भी बात करवाई, जिसने वीडियो के होने की पुष्टि की।
भाग्यवश, छात्रा ने अपनी शिक्षिका डॉ. पूनम तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने उसे धैर्य रखने और अपने परिवार को सूचित करने की सलाह दी। जब उसने अपने जीजा को फोन किया, उन्होंने तुरंत पहचान लिया कि यह एक फ्रॉड कॉल है। जब जीजा ने धोखेबाज से बात की, वह गालियां देकर फोन काट गया।
यह घटना बताती है कि डिजिटल अरेस्ट जैसे फ्रॉड कैसे किसी के भी जीवन को कैसे अस्त-व्यस्त कर सकती है। यह हमें याद दिलाती है कि साइबर सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है, और कैसे धैर्य और सूझबूझ से इस तरह की स्थितियों से बचा जा सकता है।
धमकियों में न आएं, तुरंत परिवार या विश्वसनीय लोगों से सलाह लें, और साइबर अपराधियों की चाल में न फंसें।






