महाकुम्भनगर, 17 दिसंबर।
प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को आस्था की डुबकी लगाने के लिए गंगा की स्वच्छ, निर्मल एवं अविरल धारा मिलेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में ऐसे ठोस उपाय किए हैं कि शहर से नालों का गंदा पानी बिना ‘ट्रीट’ किए हुए गंगा में नहीं पहुंचेगा।
यूपी जल निगम, नगरीय ने प्रयागराज के सलोरी में जियो ट्यूब तकनीक आधारित ऐसा ट्रीटमेंट प्लांट लगाया है, जो शहर के सभी अनटैप्ड 22 नालों के अपशिष्ट जल की सफाई करेगा ताकि गंगा नदी में कोई भी नाले का पानी बिना ट्रीट किए नहीं डाला जायेगा। इससे गंगा जी के जल को स्वच्छता के मानकों के अनुरूप निर्मल व अविरल बनाने में मदद मिलेगी।
ज्ञातव्य है कि महाकुम्भ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान करने आते हैं। सीएम योगी के स्पष्ट निर्देशानुसार इस बार महाकुम्भ में किसी भी नाले या सीवेज से अनट्रीटेड अपशिष्ट जल का दूषित पानी पवित्र नदियों में नहीं गिराया जाएगा। उनके निर्देशों के मुताबिक जल निगम, नगरीय ने प्रयागराज के सभी अनटैपड 22 नालों के ट्रीटमेंट के लिए जियो ट्यूब तकनीकी आधारित ट्रीटमेंट प्लान, सलोरी में लगाया है।
इसके बारे में बताते हुए अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार ने बताया कि 55 करोड़ रुपये की लागत से बने इस ट्रीटमेंट प्लांट का अभी ट्रायल रन चल रहा है जो कि एक जनवरी से अपनी पूरी क्षमता से कार्य करने लगेगा।
उन्होंने बताया कि जियो ट्यूब तकनीकि सीवेज वाटर ट्रीटमेंट की आधुनिक तकनीक है। इसमें सीवेज वाटर की 40 से 50 फीसदी बीओडी लेवल और लगभग 80 प्रतिशत टीएसएस जियो ट्यूब्स में ही ट्रीट कर लिया जाता है। इसके बाद इस ट्रीटेड पानी को हाइड्रोजन पैरॉक्साइड से शोधित कर उसका ओजोनाइजेशन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस ट्रीटमेंट प्लांट में क्लोरीनाइजेशन की जगह ओजोनाइजेशन किया जाता है क्योंकि ट्रीटेड पानी में अधिक मात्रा में घुला क्लोरीन जलीय जीवों के लिए नुकसानदेह होता है।