अमित मिश्रा
महाकुम्भ नगर, 26 दिसम्बर 2024:
उत्तर प्रदेश में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। संगम की रेती पर जप-तप के लिए साधु-संतों का जमावड़ा लगने लगा है। लेकिन इसी बीच, महाकुंभ में लगाए गए एक विवादित पोस्टर ने सियासी माहौल गरमा दिया है। इन पोस्टरों पर लिखा है, “डरेंगे तो मरेंगे”, जो प्रयागराज के कई स्थानों पर देखने को मिल रहे हैं।
महाकुंभ मेले की शुरुआत अगले साल 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन होगी। इन पोस्टरों को जगद्गुरु रामानंदाचार्य द्वारा लगाया गया है। यह पोस्टर नागवासुकी मंदिर के सामने भी दिखाई दिए हैं। जगद्गुरु रामानंदाचार्य दक्षिणपीठ नाणीजधाम के संस्थापक और वैष्णवाचार्य हैं। इन पोस्टरों ने महाकुंभ के दौरान विवादों को जन्म दे दिया है।
माना जा रहा है कि यह पोस्टर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले बयानों से प्रेरित हैं। मुख्यमंत्री ने अगस्त में आगरा में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर “बंटेंगे तो कटेंगे” का नारा दिया था। उन्होंने कहा था कि देश से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता और यदि हम बंटेंगे, तो कमजोर हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री के इस बयान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी समर्थन किया था। महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि “यदि हम बंटेंगे, तो बांटने वाले लोग इसका फायदा उठाएंगे।” इस बयान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी हिंदू समाज को एकजुट होने का आह्वान किया था।
प्रयागराज में लगाए गए इन पोस्टरों के बाद साधु-संतों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। कोई इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से जोड़कर देख रहा है, तो कोई इसके अलग-अलग अर्थ निकालने में जुटा हुआ है। महाकुंभ के पहले यह पोस्टर विवाद एक बड़े मुद्दे का रूप लेता दिख रहा है।