DelhiHo Halla Special

डॉ. मनमोहन सिंह: एक विद्वान नेता की जीवन यात्रा और उनकी उपलब्धियां

नयी दिल्ली, 27 दिसम्बर 2024:

26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी शिक्षा की नींव पंजाब विश्वविद्यालय में रखी गई, जहां से उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएच.डी. और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल. की उपाधि प्राप्त की।

शैक्षणिक और प्रारंभिक करियर:

डॉ. सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन किया, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अपनी विद्वता का परिचय दिया। इसके अतिरिक्त, वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) में सलाहकार और साउथ कमीशन में सचिव के रूप में भी कार्यरत रहे।

प्रशासनिक भूमिका:

1971 में, डॉ. सिंह भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए। बाद में, वे वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे।

वित्त मंत्री के रूप में योगदान:

1991 से 1996 तक, डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में सेवा की, जहां उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के सुधार लागू किए। इन सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाया।

प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल:

2004 से 2014 तक, डॉ. सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए। उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) और सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) जैसे महत्वपूर्ण कानून पारित हुए। साथ ही, भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता भी उनके कार्यकाल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।

व्यक्तिगत जीवन:

डॉ. सिंह की पत्नी, गुरशरण कौर, एक गृहिणी और गायिका हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। अपने शांत और विनम्र स्वभाव के लिए प्रसिद्ध, डॉ. सिंह को “मौन प्रधानमंत्री” भी कहा जाता था, हालांकि उन्होंने समय-समय पर इस धारणा का खंडन किया।

सम्मान और पुरस्कार:

1987 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड सहित कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली।

निधन:
26 दिसंबर 2024 को, 92 वर्ष की आयु में, डॉ. मनमोहन सिंह का नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। उनके निधन पर देश-विदेश के नेताओं और नागरिकों ने गहरी संवेदना व्यक्त की।

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी, विद्वता और सेवा का प्रतीक है। उनकी नीतियों और सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button