एक चोर ऐसा भी : चिट्ठी लिखकर मांगी माफी और लौटाई मूर्ति
उसने राधा कृष्ण की मूर्ति को मंदिर से कुछ दूरी पर हाईवे के किनारे रख दिया। इतना ही नहीं उसने एक चिट्ठी भी लिखी जिसमें उसने अपने किए और फिर उसके साथ घटित घटनाओं का जिक्र करते हुए माफी भी मांगी। चोर ने उस चिट्टी में लिखा, ‘महाराज जी प्रणाम, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी। अज्ञानता वश मैंने राधा कृष्ण की मूर्ति को गऊ घाट से चुरा लिया था। तब से बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं और मेरे बेटे की तबियत भी खराब हो गई है। कुछ पैसे के लिए मैंने बहुत गंदा काम किया है। मैंने मूर्ति को बेचने के लिए उसमें काफी छेड़छाड़ किया है। मैं अपनी गलती की माफी मांगते हुए मूर्ति को रखकर जा रहा हूं। आपसे विनती है की मुझे माफ करते हुए भगवान को फिर से मंदिर में रखवा दिया जाए। महाराज जी हमारे बाल-बच्चों को क्षमा करते हुए अपनी मूर्ति स्वीकार करें।
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