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मिल्कीपुर उपचुनाव : भाजपा और सपा की प्रतिष्ठा का सवाल बनी सीट, जीत से बनेगा आगे का माहौल

लखनऊ, 16 जनवरी 2025:

यूपी के अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना है। सत्ताधारी भाजपा मिल्कीपुर जीत कर गत लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर मिली पराजय की भरपाई करने की कोशिश में है। दूसरी तरफ सपा हर हाल में अपनी परंपरागत सीट जीत कर पुनः गत लोकसभा चुनाव जैसी हवा बनाने की जुगत में है, जो नवंबर में हुए उपचुनाव में निकल गई थी। मिल्कीपुर फतह करने के लिए दोनों दल हर कोशिश कर रहे हैं। अन्य प्रमुख दलों में बसपा ने चुनाव से किनारा कर लिया और कांग्रेस ने सपा के समर्थन की घोषणा की है।

योगी कर रहे निगरानी, छह मंत्रियों को जिम्मेदारी

मिल्कीपुर जीत कर लोकसभा में फैजाबाद सीट पर हार के दाग को धोने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। उसने सीएम योगी आदित्यनाथ की निगरानी में शीर्ष नेताओं को प्रचार में उतारने की तैयारी की है। मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अगुवाई में छह मंत्रियों को लगाया गया है। इनमें जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौड़, आयुष मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा शामिल हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक को भी प्रचार अभियान की जिम्मेदारी देने की बात कही जा रही है। इसके साथ सपा के पीडीए की काट निकलने के लिए पार्टी के अन्य प्रमुख नेता, सांसद, विधायक और अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी सक्रिय हैं।

सपा का रुख भी आक्रामक, खुद अखिलेश संभाल रहे कमान

दूसरी तरफ सपा का रूख भी आक्रामक है। प्रत्याशी घोषित करने में आगे रही सपा ने मिल्कीपुर के पूर्व विधायक एवं मौजूदा सांसद अवधेश प्रसाद को उपचुनाव का प्रभारी बनाया है। अजीत ने नामांकन भी कर दिया। सपा सूत्रों के मुताबिक इस चुनाव की कमान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद संभाल रहे हैं। वे खुद भी प्रचार करने जाएंगे। इसके साथ स्टार प्रचारकों के रूप में हर वर्ग के प्रमुख नेताओं, सांसदों और विधायकों को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। अन्य मुद्दों के साथ सपाई अयोध्या के विकास के नाम पर लोगों को बेघर करने जैसे कई मसलों को उठा रहे हैं। पीडीए के नारे को उछाला जा रहा है।

जातीय समीकरण के तहत दोनों दलों ने उतारे एक ही बिरादरी के प्रत्याशी

मिल्कीपुर क्षेत्र के जातीय समीकरण साधने के लिए दोनों दलों ने अनुसूचित जाति की एक ही बिरादरी (पासी) के प्रत्याशी उतारे हैं। पासी बिरादरी के करीब 60 हजार वोटरों को मिल्कीपुर में निर्णायक माना जाता है। ये वोटर गत विधानसभा चुनाव में भी सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद की जीत का आधार बने थे। इसी लिहाज से सपा ने उपचुनाव में पासी समाज के अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है।

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