प्रयागराज, 23 जनवरी 2025:
महाकुंभ के सेक्टर-19 स्थित श्रीजी बाबा नगर में आयोजित धर्म संसद में डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने गुरुवार को अपने बयान से एक बार फिर विवाद को जन्म दिया। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि यदि देश की वर्तमान परिस्थितियां नहीं बदलीं, तो 2035 तक भारत का प्रधानमंत्री एक मुस्लिम होगा।
यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के महंत हैं। वे ‘हिंदू स्वाभिमान’ नामक संस्था चलाते हैं और हिंदू युवाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से ‘धर्म सेना’ का संचालन करते हैं। उनकी पृष्ठभूमि मॉस्को में शिक्षा और समाजवादी पार्टी से जुड़ाव से संबंधित है।
हिंदू समाज को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह
महंत ने हिंदू दंपत्तियों से 4-5 बच्चे पैदा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यदि आप केवल एक ही संतान पैदा करते हैं, तो वह आपके समाज के लिए पर्याप्त नहीं है। एक बेटे से अच्छा है कि कोई संतान ही न हो।”
महंत ने संसद में हिंदू नेतृत्व की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ही ऐसे नेता हैं, जो अंत तक हिंदुओं की समस्याओं के साथ खड़े हैं। उनका दावा था कि यदि मुस्लिम प्रधानमंत्री बना, तो अगले 20 वर्षों में 50% हिंदुओं का धर्मांतरण हो जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पर टिप्पणी
यति नरसिंहानंद ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को लेकर भी विवादास्पद टिप्पणी की। उन्होंने उन्हें “सबसे बड़े जिहादी” करार दिया और कहा कि ऐसा कहने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है।
हिंदू राष्ट्र की आवश्यकता पर जोर
महंत ने हिंदू राष्ट्र की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि समय रहते ऐसा नहीं किया गया, तो हिंदू समाज को गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने हिंदुओं को संगठित होने और अपने धर्म की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की।
यति नरसिंहानंद ने धर्म संसद के मंच से हिंदुओं को चेताया कि अगर वे संगठित नहीं हुए, तो उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने की बात कही।
महंत यति नरसिंहानंद के इन विवादास्पद बयानों ने समाज में नई बहस को जन्म दे दिया है। धर्म संसद में उनके भाषण को कई लोग हिंदू समाज को एकजुट करने का प्रयास मान रहे हैं, जबकि उनके बयान विवाद का विषय भी बन गए हैं।