अंशुल मौर्य
वाराणसी, 24 मार्च 2025,
यूपी के वाराणसी स्थित बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के सभागार में व्याकरण प्रबोध कार्यशाला का शुभारंभ तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सोमवार को किया। इस मौके पर उन्होंने मनुस्मृति को राष्ट्र विरोधी बताने वालों पर करारे प्रहार किए वहीं ये भी कहा काशी मेरी विद्या जन्मभूमि है। ज्ञानवापी मिलने तक मेरा संघर्ष जारी रहेगा।
सनातन धर्म का स्वर्णिम युग आ गया
स्वामी जी ने कहा कि मनुस्मृति का एक भी शब्द राष्ट्र विरोधी नहीं है। महाभारत की न्याय प्रक्रिया को भी अधूरा माना जा सकता है, वहीं रामायण में न्याय का पूर्ण स्वरूप देखने को मिलता है। कहा, “जिसने मां का शुद्ध दूध पिया हो, वह आए और मनुस्मृति पर मुझसे चर्चा करे। इसका एक भी अक्षर राष्ट्र के खिलाफ नहीं है। काशी उनकी विद्या जन्मभूमि है। 11 साल तक काशी में रहकर उन्होंने शास्त्रों पर अधिकार प्राप्त किया। सनातन धर्म का स्वर्णिम युग चल रहा है। विपक्ष के विरोध के बावजूद कुंभ मेले में 66 करोड़ 60 लाख लोगों ने स्नान किया।
आक्रांताओं के नाम वाले क्षेत्रों को नया नाम मिले
स्वामी जी ने काशी क्षेत्र में आक्रांताओं द्वारा रखे गए इलाकों के नामों को बदलने की बात पर कहा इसे जरूर बदलना चाहिए। पीएम मेरे मित्र हैं मैं उनसे वार्ता करूंगा। ज्ञानवापी वापस मिलने तक मेरा संघर्ष जारी रहेगा। स्वामी जी ने हरियाणा में ब्राह्मणों पर हुए हमले पर कहा सभी को उचित दंड मिलेगा।