
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 1 जनवरी 2025:
यूपी के वाराणसी जिले के पवित्र धाम मां अन्नपूर्णा मंदिर में नौ दिवसीय कुंभाभिषेक का महानुष्ठान शनिवार से शुरू हुआ।
कलश यात्रा में शामिल हुए शंकराचार्य
शंकराचार्य विधुशेखर भारती के सानिध्य में शहनाई की धुन पर एक कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में 100 महिलाएं और 111 बटुक मंदिर से दशाश्वमेध घाट पहुंचे और गंगाजल लेकर वापस अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचे। कलश यात्रा में महिलाएं माता का जयकारा लगा रही थी। शोभायात्रा में शामिल महिलाओं को महंत शंकर पुरी ने मां का प्रसाद स्वरूप लाल चुनरी भेंट की।

बटुकों ने किया हवन पूजन
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी के सानिध्य में सर्वप्रायश्चित, पंचगव्य प्राशन, गंगा पूजन, तीर्थानयन आदि अनुष्ठान शुरू हुए। शंकराचार्य विधुशेखर भारती अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचे और माता के गर्भ में पहुंचकर उन्होंने वैदिक रीति रिवाज के अनुसार पूजा पाठ की। मंदिर के प्रांगण में बटुकों द्वारा हवन पूजन कर अनुष्ठान की शुरुआत की गई।
कलाकृतियों व स्वर्ण मंडित शिखर ने बढ़ाई शोभा
कुंभाभिषेक से पूर्व मंदिर के शिखर को स्वर्णमंडित किया गया है। शिखर की आभा श्रद्धालुओं को मोह रही है। शिखर पर बनी नक्काशी में कमल के फूल, नागवेल और अन्य मांगलिक प्रतीक स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा, मंदिर के मुख्य द्वार के बगल में महादेव और माता अन्नपूर्णा की थ्रीडी कलाकृति लगाई गई है। इसमें माता अन्नपूर्णा भगवान शिव को भिक्षा देती दिख रही हैं। यह कलाकृति मंदिर की सुंदरता को और भी बढ़ा रही है।
इनकी रही उपस्थित
आयोजन में अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत शंकर पुरी, महंत सुभाष पुरी, श्रृंगेरी मठ के प्रबंधक पं. प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी, चेल्ला सुब्बा राव, पं विशेश्वर शास्त्री द्रविड़, प्रोफेसर राजाराम शुक्ल, अनिल नारायण किंजवडेकर, चंद्रमौली उपाध्याय, बृजभूषण ओझा, चेल्ला जगन्नाथ प्रसाद, के वेंकट रमण, वीएस मणी, के.वी नारायणन, षडानन पाठक, प्रदीप श्रीवास्तव ,राकेश तोमर मौजूद रहे।
