लखनऊ,21 फरवरी2025:
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2025, बीएसएस (BSS) और बीएनएसएस (BNSS) के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध तेज हो गया है। शुक्रवार को अमेठी बार एसोसिएशन और गोरखपुर के अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इस विधेयक को ‘काला कानून’ करार दिया। वकीलों ने बिल की प्रतियां जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया और इसे अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और अधिकारों पर कुठाराघात बताया।
बार एसोसिएशन अमेठी के अध्यक्ष शिव मूर्ति तिवारी और सचिव भूपेंद्र शुक्ला ने कहा कि यह विधेयक वकीलों के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करने और उनकी आवाज दबाने का प्रयास है। वहीं, गोरखपुर के अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि यह बिल लागू हो गया तो अधिवक्ताओं के साथ आम लोगों के भी अधिकारों का हनन होगा। हड़ताल और बहिष्कार वकीलों के लिए संघर्ष का प्रमुख हथियार रहा है, लेकिन सरकार इसे भी खत्म करने का प्रयास कर रही है।
विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया और चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह विधेयक वापस नहीं लिया, तो प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी और न्यायिक कार्य ठप कर दिए जाएंगे। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार 25 फरवरी 2025 को सभी उपनिबंधक कार्यालयों में दस्तावेज लेखन को पूरी तरह रोका जाएगा। यदि 28 फरवरी 2025 तक सरकार ने बिल वापस नहीं लिया, तो अधिवक्ताओं द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
अधिवक्ताओं का कहना है कि यह विधेयक लागू हुआ तो सरकारी दखलअंदाजी बढ़ेगी और वकीलों को उनकी स्वतंत्रता से वंचित कर दिया जाएगा। अमेठी और गोरखपुर के अधिवक्ताओं ने एक सुर में कहा कि जब तक सरकार यह विधेयक वापस नहीं लेती, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।