
बाराबंकी, 28 फरवरी 2025:
यूपी के बाराबंकी जिले के पुलिस मुख्यालय पर डीसीआरबी (जिला अपराध एवं अनुसंधान शाखा) में तैनात इंस्पेक्टर अंगद प्रताप सिंह के कारनामे से महकमे के अफसर सकते में हैं। हुआ भी कुछ ऐसा, दरअसल कानपुर कर्नलगंज थाने में डकैती का मुकदमा दर्ज होने और जुर्म साबित होने पर भी उसने प्रोमोशन पाने के समय सच्चाई छिपाकर स्व घोषणा पत्र खुद को पाकसाफ बताया और इंस्पेक्टर के पद पर प्रोमोशन हासिल कर लिया। जांच के बाद अब पोल खुली है तो शहर कोतवाली में उस पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
बाराबंकी में तैनात हैं इंस्पेक्टर अंगद प्रताप सिंह, कानपुर में 1999 में दर्ज हुआ था केस
बाराबंकी एसपी के निर्देश पर सीओ सदर हर्षित चौहान द्वारा की गई जांच के बाद नगर कोतवाली में ये मुकदमा उपनिरीक्षक मीना भाटिया ने निरीक्षक नागरिक पुलिस अंगद प्रताप सिंह के खिलाफ दर्ज कराया है। एफआईआर में कहा गया है कि एसपी आफिस की डीसीआरबी में इंस्पेक्टर के पद पर अंगद प्रताप सिंह तैनात है। इनके खिलाफ मिली शिकायत की जांच में पता चला कि निरीक्षक (इंस्पेक्टर) पद पर प्रोमोशन पाने के लिए दरोगा ने वर्ष 2015-16 में एसपी फतेहपुर को स्वघोषणा पत्र भरकर दिया था। इसमें उसने स्पष्ट किया था कि उस पर कोई केस दर्ज नहीं है।
2002 में साबित हो गया था जुर्म, 2015 में चकमा देकर ले लिया प्रोमोशन
हकीकत इससे अलग मिली। दरोगा रहे अंगद प्रताप सिंह पर वर्ष 1999 में कानपुर के कर्नलगंज थाने में धारा 395,342,399 के तहत डकैती का केस दर्ज हुआ था। इसकी जांच के बाद 392,342,388 और करप्शन एक्ट के तहत अपराध साबित होने पर अक्टूबर 2002 को उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भेज दी गई। इसके बावजूद भी प्रोमोशन पाने के लिए उसने दस्तावेजों में गलत जानकारी देकर अफसरों को गुमराह किया। फिलहाल जालसाजी कर हासिल किए गए प्रोमोशन पर केस दर्ज होने के बाद अंगद प्रताप का मामला सुर्खियों में है।
