लखनऊ, 4 मार्च 2025:
यूपी विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को विधान परिषद में जातीय जनगणना की मांग को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और वॉकआउट कर दिया।
सपा का आरोप-आरक्षित वर्ग की अनदेखी
सपा के आशुतोष सिन्हा ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए जातीय जनगणना की मांग उठाते हुए कहा कि इससे समाज के सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। वहीं, सपा नेता डॉ. मान सिंह यादव ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए आंकड़े पेश किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 34 कुलपतियों में 11 क्षत्रिय, 11 ब्राह्मण, 4 वैश्य, 2 कायस्थ, 3 ओबीसी और 3 एससी-एसटी समुदाय से हैं। सपा सदस्य किरणपाल कश्यप ने कहा कि आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव हो रहा है। उन्होंने भाजपा पर पिछड़े और दलित समाज को हाशिए पर रखने का आरोप लगाया।
नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य का पलटवार
नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने सपा पर तंज कसते हुए कहा कि उनके सदस्यों का उद्देश्य सिर्फ “अखिलेश चालीसा” पढ़ना है। उन्होंने सवाल किया कि जब 2004 से 2014 के बीच केंद्र में यूपीए सरकार थी और सपा उसका समर्थन कर रही थी, तब जातीय जनगणना की मांग क्यों नहीं उठाई गई? मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार पिछड़े और दलित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास कर रही है।