अनमोल शर्मा
मेरठ,13 जनवरी 2025:
उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस कांस्टेबल भर्ती के दौरान घूसखोरी का गंभीर मामला सामने आया है। बागपत के टीकरी गांव निवासी अभ्यर्थी निखिल राठी ने आरोप लगाया है कि मेडिकल परीक्षण में पास कराने के लिए डॉक्टर ने उससे 50 हजार रुपए की घूस मांगी। अभ्यर्थी की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने डॉक्टर और उसके सहयोगी को हिरासत में ले लिया है। मामले की जांच जारी है।
मेडिकल परीक्षण में धोखाधड़ी
निखिल राठी ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पास की थी। शनिवार को मेरठ पुलिस लाइन में उसके दस्तावेजों का सत्यापन और शारीरिक मानक परीक्षण हुआ। निखिल ने बताया कि मेडिकल परीक्षण के दौरान डॉक्टर ने उसकी छाती का फुलाव कम बताते हुए फेल करने की बात कही। डॉक्टर ने पास कराने के लिए गेट नंबर तीन के बाहर खड़ी गाड़ी में मिलने को कहा।
घूस की मांग और कार्रवाई
निखिल जब बाहर गया तो वहां गाड़ी नहीं मिली। वापस आकर उसने डॉक्टर से शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टर ने निखिल के पिता का मोबाइल नंबर ले लिया। थोड़ी देर बाद उसके पिता को फोन कर 50 हजार रुपए की मांग की गई। निखिल के पिता बताए गए स्थान पर पहुंचे और गाड़ी का फोटो खींच लिया। गाड़ी का नंबर 7065 था। फोटो खींचते देख गाड़ी में मौजूद व्यक्ति तुरंत भाग गया।
अभ्यर्थी की शिकायत पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर दिव्य राणा और उसके ड्राइवर आदित्य को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने घूसखोरी में इस्तेमाल की गई गाड़ी को भी जब्त कर लिया है।
भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार पर सवाल
भर्ती प्रक्रिया के नोडल अधिकारी एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि शिकायत के आधार पर डॉक्टर और उसके सहयोगी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस सभी साक्ष्यों की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला मेरठ पुलिस भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोपों को उजागर करता है। डॉक्टर और ड्राइवर की गिरफ्तारी के बाद अब जांच के नतीजों का इंतजार है। पुलिस की इस कार्रवाई से अभ्यर्थियों में थोड़ी राहत है, लेकिन यह घटना भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है।