
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 16 मार्च 2025,
प्रयागराज में 45 दिन तक चले महाकुंभ फिर काशी में देवाधिदेव की आराधना कर में मसाने की होली खेलने के बाद यहां आए नागा साधु संतों का प्रवास समाप्त हो गया है। अब ये नागा साधु अपने-अपने अखाड़े से अपनी जिम्मेदारी से भरी पदवी लेकर पहाड़ों की ओर जल्द रवाना होंगे। अपनी आध्यात्मिक यात्रा के नए पड़ाव को लेकर नागा साधुओं में जोश दिख रहा है।
महाकुंभ समापन पर चुनाव के बाद काशी में हुआ था पट्टाभिषेक
देश में 13 अखाड़ों को धार्मिक तौर पर मान्यता प्राप्त अखाड़े माना जाता है।अखाड़े के प्रबंधन और संचालन को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पद होते हैं, जिनमें महंत, महामंडलेश्वर, श्रीमहंत और कोठारी शामिल हैं। जूना अखाड़े के थानापति डाक्टर शिवानंद पुरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ के समापन के मौके पर अखाड़े के प्रधान और गवर्निंग बॉडी का चुनाव हुआ। पद पर चुने गए संतों का पट्टाभिषेक भी काशी में हुआ। अब 20 मार्च तक नये नागा साधुओं को सार्टिफिकेट मिल जायेगा। इसके बाद आगे की यात्रा शुरू होगी।
 
				 
					





