Uttar Pradesh

भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमानों की कमी, 2035 तक पाकिस्तान के बराबर हो सकती है ताकत

नई दिल्ली,26 मार्च 2025

भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमानों की संख्या लगातार घट रही है और हालात यह हैं कि 2035 तक भारत और पाकिस्तान की वायुसेना की ताकत लगभग बराबर हो सकती है। अगर चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध की स्थिति बनी तो भारतीय वायुसेना के लिए देश की रक्षा करना मुश्किल हो सकता है। भारत सरकार के आकलन के मुताबिक, देश की सुरक्षा के लिए वायुसेना के पास 42 स्क्वाड्रन होना जरूरी है, लेकिन वर्तमान में यह संख्या 32 स्क्वाड्रन ही है और 2035 तक घटकर 25-27 स्क्वाड्रन रह जाने की आशंका है।

NBT से एक्सक्लूसिव बातचीत में पूर्व एयर वाइस मार्शल संजय भटनागर ने स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना के पास विमानों की संख्या पाकिस्तान के बराबर हो सकती है। उन्होंने कहा कि चीन पहले ही पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान जे-35 बना चुका है और पाकिस्तान को भी अत्याधुनिक लड़ाकू विमान दे चुका है। इसके अलावा, चीन बांग्लादेश को भी फाइटर जेट सप्लाई कर सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना अपनी ताकत बढ़ा रही है और भारत स्वदेशी रक्षा क्षमता विकसित करने में आगे बढ़ रहा है।

भारतीय वायुसेना में विमानों की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि भारत के पास अभी तक विमानों के निर्माण की पूरी क्षमता नहीं है, खासकर इंजन निर्माण में। दुनिया में केवल चार देश हैं जिनके पास इंजन बनाने की क्षमता है और इन देशों की सिर्फ पांच कंपनियां इंजन निर्माण में सक्षम हैं। ये कंपनियां अपनी तकनीक को सख्त नियंत्रण में रखती हैं और इस पर अंतरराष्ट्रीय राजनीति का भी प्रभाव रहता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि भारत के तेजस फाइटर जेट के इंजन की सप्लाई में अमेरिका से देरी हो रही है।

HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) पर उठ रहे सवालों के जवाब में संजय भटनागर ने कहा कि HAL देश की सबसे बड़ी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (DPSU) है और उसकी क्षमता में कोई कमी नहीं है, लेकिन तकनीकी चुनौतियों और अन्य देशों से सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतों के कारण कुछ समस्याएं हो रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बजट की कोई कमी नहीं है, लेकिन तकनीकी विकास में और तेजी लाने की जरूरत है।

अमेरिकी स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 और रूसी फाइटर जेट एसयू-57 में से भारत को कौन सा पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान खरीदना चाहिए, इस पर भी उन्होंने अपने विचार रखे। एयर वाइस मार्शल संजय भटनागर, जो कारगिल युद्ध में मिग-27 स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर थे और वायु सेना पदक (Gallantry) से सम्मानित किए जा चुके हैं, ने अभिजात शेखर आजाद के साथ पॉडकास्ट में भारतीय वायुसेना की मौजूदा चुनौतियों, फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट, AMCA, एफ-35 और एसयू-57 फाइटर जेट के बारे में विस्तार से चर्चा की।

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