इंदौर, 27 मार्च 2025
महंगे शौक पूरे करने के लिए उधार लेने के दुष्चक्र में फंसे इंदौर के 24 वर्षीय एक युवक ने दोस्तों की मदद से कथित तौर पर अपने अपहरण की झूठी कहानी रची और अपने पिता से एक लाख रुपये की “फिरौती” मांगी, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से साजिश का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने बुधवार को बताया कि मुख्य आरोपी सतीश गुप्ता और उसके दो दोस्तों आरुष अरोड़ा और तेजवीर सिंह संधू को कुछ सुरागों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है।
महंगे शौक के बावजूद सतीश प्रथम दृष्टया इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों पर सट्टेबाजी में संलिप्त पाया गया। इंदौर निवासी श्रीराम गुप्ता को मंगलवार को फोन पर सूचना मिली कि उनके बेटे सतीश गुप्ता का अपहरण कर लिया गया है।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) देवेंद्र सिंह धुर्वे ने संवाददाताओं को बताया, “वरिष्ठ गुप्ता को अपने बेटे की रिहाई के लिए एक लाख रुपये की फिरौती देने को कहा गया था।” जांच और सुरागों के आधार पर पुलिस ने अरोड़ा और संधू को हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ में अपहरण की कहानी से पर्दा उठ गया।
धुर्वे ने कहा कि सतीश ने अपने दो दोस्तों को इस योजना में शामिल किया और उनसे अपने पिता को फोन करवाकर ‘अपहरणकर्ताओं’ से अपनी रिहाई के लिए फिरौती मांगी। प्रथम दृष्टया अपराध के पीछे सतीश का अपना कर्ज चुकाने की हताशा प्रतीत होती है एसीपी ने कहा, “सतीश ने अपने महंगे शौक के कारण भारी कर्ज ले लिया था। उसके अनुसार, कर्ज चुकाने के लिए उसने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी। वह इंडियन प्रीमियर लीग में सट्टेबाजी में भी शामिल था।” उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच चल रही है।