
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 3 अप्रैल 2025:
काशी में एक भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। ये मंदिर 8,000 स्क्वायर फीट के विशाल क्षेत्र में फैला होगा। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को इस ऐतिहासिक मंदिर की नींव रखी। यह तीन मंजिला मंदिर न केवल भक्ति का केंद्र होगा, बल्कि ज्ञान, शोध और सेवा का भी प्रतीक बनेगा।
मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यह मंदिर काशी के भेलूपुर क्षेत्र के कश्मीरीगंज में स्थित है, जिसका इतिहास 1398 से जुड़ा है। पहली बार इस मंदिर का निर्माण 1398 में हुआ था, लेकिन मुगल शासक औरंगजेब ने इसे नष्ट कर दिया। 1700 में संत सियाराम दास ने इसे फिर से बनवाया। 325 साल बाद यह मंदिर एक बार फिर अपने पूरे वैभव के साथ खड़ा होने जा रहा है।
मंदिर की भव्यता और विशेषताएं
इस मंदिर की संरचना अत्यंत भव्य होगी। यहां श्रीराम दरबार के साथ राधा-कृष्ण, भगवान शंकर, मां दुर्गा और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा संत रामानंदाचार्य, अनंतानंदाचार्य और गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमाएं भी विराजमान होंगी, जो काशी की समृद्ध संत परंपरा को सम्मान देंगी।
मंदिर की संरचना और उद्देश्य
मंदिर के प्रत्येक तल को एक विशेष उद्देश्य के लिए तैयार किया जाएगा। मंदिर की पहली मंजिल पर संत-महंतों का निवास, दूसरी मंजिल पर अतिथियों के लिए ठहरने की व्यवस्था, तीसरी मंजिल पर छात्रावास व भोजनशाला और चौथी मंजिल पर वेद और शास्त्रों की कक्षाओं की व्यवस्था होगी। यह मंदिर केवल पूजा का स्थल नहीं होगा, बल्कि एक जीवंत आध्यात्मिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
सेवा और शोध केंद्र भी होंगे शामिल
मंदिर परिसर में संत सेवा, गो सेवा और वेद-शास्त्र के छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था होगी। इसके अलावा, यहां एक शोध केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जहां यज्ञ, वेद और भारतीय शास्त्रों पर गहन अध्ययन और अनुसंधान होगा।
2026 तक होगा निर्माण पूरा
स्वामी वेदांती महाराज के अनुसार यह मंदिर आधुनिकता और परंपरा का संगम होगा, जहां भक्ति और ज्ञान एक साथ प्रवाहित होंगे। 2026 तक इस भव्य परियोजना के पूरा होने की उम्मीद है, जिससे काशी की भूमि पर प्रभु श्रीराम की भक्ति एक नए स्वरूप में दिखाई देगी।







