रांची, 4 अप्रैल 2025:
झारखंड में आयुष्मान योजना घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में राज्य के 212 अस्पताल, इंश्योरेंस कंपनियां और दवा कंपनियां जांच के दायरे में हैं। आरोप है कि मरीजों का इलाज किए बिना ही उनके नाम पर क्लेम किया गया और फंड हासिल कर लिया गया। इस गड़बड़ी के कारण सरकार को 40 करोड़ रुपये से अधिक की हानि हुई है।
ईडी ने झारखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में भी कुछ स्थानों पर छापे मारे हैं। बताया जा रहा है कि सुबह-सुबह ईडी की टीमें सुरक्षा बलों के साथ विभिन्न स्थानों पर पहुंचीं और दस्तावेजों की जांच शुरू की। जांच एजेंसी को कई अस्पतालों में गड़बड़ियों के पुख्ता सबूत मिले हैं, जहां मरीजों को भर्ती किए बिना उनके नाम पर बीमा राशि क्लेम की गई।
सूत्रों के अनुसार, झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत 750 से अधिक अस्पताल पंजीकृत हैं, जिनमें से कई पर फर्जी बिलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि योजना के फंड का उपयोग मरीजों के इलाज के बजाय निजी हितों में किया गया। सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, लेकिन झारखंड में इसके दुरुपयोग की खबरें पहले भी सामने आ चुकी हैं। अब ईडी की छापेमारी के बाद घोटाले से जुड़े कई नए खुलासे हो सकते हैं।
सरकार ने संकेत दिए हैं कि दोषी अस्पतालों और संबंधित संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई होगी और गलत तरीके से लिए गए फंड की वसूली की जाएगी। इस मामले में कई बड़े अधिकारियों और अस्पताल संचालकों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।