नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था, लेकिन उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले ही अपना नाम बदल लिया था। इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा है। दरअसल, वह दिलीप कुमार के बड़े प्रशंसक थे और उनकी 1949 में आई फिल्म “शबनम” के एक किरदार से प्रेरित होकर उन्होंने अपना नाम ‘मनोज कुमार’ रख लिया। यह फिल्म उस दौर में युवाओं के लिए प्रेरणा बनी थी, और दिलीप कुमार के अभिनय ने मनोज कुमार को गहरे तक प्रभावित किया था। उनके मन में हीरो बनने की ख्वाहिश थी और इसी वजह से उन्होंने स्क्रीन के लिए नया नाम अपनाया।
मनोज कुमार को उनके देशभक्ति से जुड़ी फिल्मों के लिए जाना जाता है। जब उन्होंने भगत सिंह पर आधारित फिल्म “शहीद” में अभिनय किया, तो उनकी मुलाकात तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से हुई। शास्त्री जी ने “जय जवान, जय किसान” नारे पर फिल्म बनाने की इच्छा जताई, जिसे मनोज कुमार ने सहर्ष स्वीकार किया और “उपकार” फिल्म का निर्माण किया। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम “भारत कुमार” था, जो बाद में उनकी पहचान बन गया।
24 जुलाई 1937 को अविभाजित भारत के ऐबटाबाद में जन्मे मनोज कुमार का परिवार विभाजन के बाद दिल्ली आ गया था। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष करते हुए न केवल खुद को स्थापित किया बल्कि कई अन्य कलाकारों को भी आगे बढ़ने का मौका दिया। उनके योगदान को देखते हुए 2015 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मनोज कुमार का हिंदी सिनेमा में योगदान अमूल्य है, और उनकी यादें हमेशा सिनेप्रेमियों के दिलों में जिंदा रहेंगी।