संतोष देव गिरि
मिर्ज़ापुर,4 अप्रैल 2025:
किस्मत कब, कहां और कैसे पलटे, कोई नहीं जानता — और इसका ताजा उदाहरण हैं मिर्ज़ापुर जिले के पटेहरा ब्लॉक स्थित डढ़िया मलुवा गांव निवासी दयाराम। कभी एक अधिवक्ता के मुंशी के रूप में काम करने वाले दयाराम ने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक दिन करोड़पति बन जाएंगे। लेकिन ड्रीम 11 ने उनके इस सपने को एक झटके में हकीकत बना दिया।
दयाराम ने ड्रीम 11 पर लखनऊ और पंजाब के बीच हुए मैच में अपनी टीम बनाई थी — वह भी अपने बेटे के नाम से बनी आईडी पर। उनकी टीम का प्रदर्शन इतना शानदार रहा कि उन्हें सीधे तीन करोड़ रुपये का इनाम मिला। टैक्स कटने के बाद भी उन्हें करीब 2 करोड़ 10 लाख रुपये हाथ में मिले हैं।
भावुक होते हुए दयाराम बताते हैं कि यह उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।उन्होंने कहा, “कई पीढ़ियों से हम मेहनत करते आ रहे थे, कभी लाखों भी हाथ नहीं लगा। आज अचानक करोड़ों में पहुंच जाना, सपना जैसा लगता है।”
दयाराम की यह जीत न केवल उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाई है, बल्कि पूरे गांव में उनकी एक नई पहचान बना दी है। अब गांव में हर कोई उनके नाम और कहानी को मिसाल के तौर पर मान रहा है।
हालांकि, इस अपार खुशी के साथ दयाराम लोगों को एक जरूरी संदेश भी देते हैं। वह कहते हैं, “यह एक बहुत जोखिम भरा खेल है, जानकारी और समझ के बिना इसमें कदम नहीं रखना चाहिए। किस्मत सबकी नहीं पलटती।”
दयाराम की कहानी यह साबित करती है कि जीवन में कभी भी कोई भी मोड़ ऐसा आ सकता है, जो सब कुछ बदल कर रख दे।