शिवम मौर्य
वाराणसी, 9 अप्रैल 2025:
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में 20 दिनों से धरने पर बैठे जुझारू दलित छात्र शिवम सोनकर की जीत हुई है। पीएचडी में दाखिले की राह में अड़चनों और विश्वविद्यालय प्रशासन की बेरुखी के खिलाफ उनका संघर्ष रंग लाया। आखिरकार, विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को हस्तक्षेप करना पड़ा।
विपक्षी दलों के बढ़ते दबाव के बीच शिक्षा मंत्रालय ने स्थिति संभाली और यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को बची हुई सीटों पर प्रवेश की अनुमति दे दी। बीएचयू ने तत्काल इस आदेश का पालन करते हुए पीएचडी में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की। पहले ही दिन शिवम सोनकर का दाखिला मालवीय शोध अध्ययन केंद्र में हो गया।
दाखिले के बाद शिवम ने मालवीय भवन पहुंचकर महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा के समक्ष नाक रगड़कर आभार व्यक्त किया। भावुक शिवम ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा था कि महामना अपने बच्चों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। यह जीत मेरी नहीं, उन सभी छात्रों की है जो हर साल नियमों के नाम पर वंचित रह जाते हैं।
उन्होंने बताया कि अब उनका दाखिला औपचारिक रूप से पूरा हो गया है। रजिस्ट्रेशन के बाद विश्वविद्यालय ने फीस जमा करने का लिंक भेजा। फीस जमा करने पर शिवम को एडमिशन लेटर मिल गया। 20 दिन तक चले इस कठिन आंदोलन में शिवम अकेले नहीं थे। उन्होंने उन सभी साथियों, समर्थकों और छात्रों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस संघर्ष में उनका मनोबल बढ़ाया।