
प्रयागराज, 15 अप्रैल 2025:
यूपी में कभी जुर्म की दुनिया में अपना सिक्का चलाने वाले अतीक को अपने ही पैतृक कब्रिस्तान में दफन हुए दो साल बीत गए। आज उसके अंत की दूसरी बरसी है। इन गुजरे सालों में उसकी दहशत काफूर हो गई तो उसकी सल्तनत भी खाक हो गई। आलीशान कोठी ढहकर मलबे में तब्दील हो चुकी है और लग्जरी गाड़ियां बरसों से एक जगह खड़ी जंग खाकर कबाड़ में बदल गई है।
आज के ही दिन भाई अशरफ समेत मारा गया था अतीक, बेटे असद संग दफन किये गए थे तीनो
प्रयागराज और आसपास के जिलों नहीं बल्कि देश और विदेश तक कुख्यात रहे माफिया अतीक अहमद को भी इस बात का इल्म नहीं था कि उसका खात्मा उसके रसूख और साम्राज्य का भी नामोनिशान मिटा देगा। आज उसकी सल्तनत का हश्र यही दास्तान बयान कर रहा है। दो साल पहले 15 अप्रैल 2023 को अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी। यही नहीं दो दिन पहले 13 अप्रैल को उसके बेटे असद भी झांसी में एनकाउंटर में मारा गया था। अतीक को उसके बेटे असद भाई अशरफ के साथ एक ही दिन पैतृक कब्रिस्तान कसारी मसारी में दफनाया गया था। इन तीनों के दफन होने के बाद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन, अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा और बहन आयशा नूरी फरार हैं। परिवार के कुछ सदस्य जेल में भी है।

चकिया में दो बीघे में बनी हवेली की बिखर चुकीं है एक-एक ईंट, कबाड़ हुए लग्जरी वाहन
सिविल लाइंस से सटे पॉश इलाके चकिया में करीब दो बीघे में बनी आलीशान कोठी अब पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुकी है। अंत के बाद कोई अतीक की कब्र पर जाना मुनासिब नहीं समझता। ऐसे में उसकी सम्पति का हाल उससे भी बुरा हुआ। तमाम घरों को मातम में धकेलने वाले अतीक की हवेली की एक एक ईंट बिखर गई है। यहां गिरे पड़े मलबे में झाड़ झंखाड़ उग आए है। क्रूजर जैसी कई लग्जरी गाड़ी खड़ी हैं। जिस पर सवार होकर अतीक शान से निकलता था। वही गाड़िया सालों से एक जगह खड़ी है। धूल जमा है टीन शेड तक टूट रहा है। किसी का दरवाजा खुला पड़ा है लेकिन कोई बैठने वाला नही है छोटे छोटे जानवर जरूर आराम से घूमते दिख जाते हैं।
चकिया में ही दो कमरों वाले घर से शुरू किया था जीवन, काम नहीं आई अकूत दौलत
चकिया में रहने वाले तांगा चालक हाजी फिरोज अहमद के एक दो कमरे वाले घर में जन्मे अतीक ने जरायम की दुनिया से तीन हजार करोड़ से ज्यादा की अकूत दौलत कमाई, हवेली खड़ी की। वहीं सफारी, फार्च्यूनर व क्रूजर जैसी लग्जरी गाड़ियों का काफिला ले लिया। अनगिनत होटल कॉम्लेक्स खड़े हो गए और उससे भी अधिक सम्पत्ति को कब्जा कर हथिया लिया लेकिन शासन का डंडा चला तो हिस्ट्रीशीट खुली गैंग लीडर घोषित हुआ और फिर सम्पत्ति या तो कुर्क हुईं या फिर बुलडोजर ने ढहा दिया।