
इलाहाबाद, 18 अप्रैल 2025
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान के खिलाफ साल 2008 के सड़क जाम मामले में ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड समन किया है। आजम खान को इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने क्रिमिनल रिवीजन दायर किया था। इसी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश पारित किया।
मामला मुरादाबाद के छजलैट थाने के बाहर साल 2008 का है, जब आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर सड़क जाम की थी। इस पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोनों को दो-दो साल की सजा सुनाई थी, जिसे अपील में बरकरार रखा गया था। अब इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट से पूरा रिकॉर्ड तलब किया गया है।
इसी बीच, आजम खान को एक और राहत मिली है। उन्होंने चार मामलों में जमानत की अर्जी लगाई थी, जिनमें से तीन मामलों में उन्हें नियमित जमानत मिल गई है। ये तीनों मामले दो हेट स्पीच और एक शत्रु संपत्ति विवाद से जुड़े हैं। हालांकि, चौथे मामले में कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
आजम खान के वकील जुबेर अहमद खान ने बताया कि स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, जबकि तीन में राहत दी गई है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि आजम खान की एक आपराधिक अपील हाईकोर्ट में लंबित है।
आजम खान का राजनीतिक सफर काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है। वह 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बने थे और 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। 2019 में वह रामपुर से लोकसभा सांसद भी बने थे।
 
				 
					





