
नई दिल्ली | 18 अप्रैल 2025
भारत का स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर जेट AMCA अब योजना से निर्माण की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। रक्षा मंत्रालय ने इसके उत्पादन के लिए उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह कर रहे हैं। यह समिति सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर विचार कर रही है ताकि उत्पादन लागत घटाई जा सके और देश के भीतर एक मजबूत सप्लाई चेन तैयार की जा सके। इसका लक्ष्य 2030 तक भारतीय वायुसेना को AMCA की पहली यूनिट सौंपना है।
यह लड़ाकू विमान एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और DRDO मिलकर तैयार कर रहे हैं। इसमें स्टेल्थ तकनीक, सुपर क्रूज़ (बिना आफ्टरबर्नर के सुपरसोनिक उड़ान) और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जैसी खूबियां होंगी। समिति अप्रैल 2025 के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि AMCA एक हाई-टेक और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम बने।
सूत्रों के अनुसार, एक स्पेशल पर्पज यूनिट तैयार की जाएगी जिसमें HAL और निजी कंपनियों की भागीदारी होगी। इससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और एयरोस्पेस सेक्टर में देश के भीतर एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार होगा। समिति यह सुझाव भी दे सकती है कि शुरुआती 100 की बजाय अधिक संख्या में विमानों का ऑर्डर दिया जाए ताकि प्रति विमान लागत घटे और निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ें।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत समिति घरेलू MSME को भी इस प्रोजेक्ट से जोड़ने की तैयारी में है, ताकि विदेशी निर्भरता घटे और भारत में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिले। हालांकि, एडवांस इंजन और सेंसर जैसी कुछ तकनीकों के लिए विदेशी साझेदारों से सहयोग की संभावना को खुला रखा गया है।





