Uttar Pradesh

बारिश में नहीं टला जनता दर्शन, सभागार में बैठे फरियादी, सीएम ने सुनी फरियाद

हरेंद्र दुबे

गोरखपुर, 19 अप्रैल 2025:

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में थे और जनता दर्शन में उन्हें अपना दुखड़ा सुनाने के लिए लोग भी पहुंच गए थे। सुबह हो रही तेज बारिश देख फरियादियों के मन में उहापोह की स्थिति बनी थी कि जनता दर्शन होगा या नहीं। फिलहाल अचानक व्यवस्था बदली फरियादियों को सभागार में छत के नीचे बिठाया गया और सीएम भी पहुंचे। सीएम ने हमेशा की तरह ढांढस बंधाया बच्चों को दुलारा और मौसम का हाल देखकर चाय भी पिलवाई। जनता दर्शन करने के बाद सीएम ने छाता लगाकर मंदिर परिसर का जायजा लिया।

मौसम का हाल देख असमंजस में थे फरियादी, अचानक हुई छत की व्यवस्था

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर प्रवास पर हैं। शनिवार का दिन उनके जनता दर्शन के लिए तय रखता है इसलिए सुबह होने से पहले ही अपनी शिकायत लेकर लोग पहुंचने लगे। काफी भीड़ जमा हो गई थी इधर बादल लगातार बरस रहे थे बारिश का हाल देख फरियादियों के मन मे उहापोह था कि पता नहीं सीएम से मुलाकात होगी या नहीं। फिलहाल उनका संशय जल्द ही दूर हो गया। पता चला कि फरियादियों को महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सभागार में बिठाया जाना है। इसी बात से फरियादी समझ गए कि सीएम आएंगे और उन्होंने ही मौसम का ये हाल देख सभागार में बुलाया है।

तय समय पर ही शुरू हुआ जनता दर्शन, बच्चों को दुलारा, चाय भी पूछी

फरियादी इस फैसले से चहक उठे। सभागार में सीएम आये और उन्होंने 300 लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। आश्वस्त किया समस्या का निस्तारण करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। किसी के साथ अन्याय नहीं होने पाएगा। सीएम उनके प्रार्थना पत्र लेकर समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा। इस दौरान पुलिस व राजस्व के मामले आए वहीं गम्भीर बीमारी में इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई गई। सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इलाज में इस्टीमेट की प्रक्रिया पूरी कर शासन को भेजें। इलाज के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान सीएम ने बच्चों को दुलारकर चाकलेट भी दी और मौसम का हाल देख चाय का भी इंतजाम करने को कहा।

छाता लगाकर मंदिर परिसर का लिया जायजा

तेज बारिश में भी मुख्यमंत्री की दिनचर्या आम दिनों की तरह दिखाई पड़ी। छाता लेकर खराब मौसम में भी उन्होंने गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन किया। गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को शीश नवाया फिर मंदिर परिसर की अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

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