
लखनऊ, 21 अप्रैल 2025:
यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की पहल पर विभाग एक खास आयोजन करने जा रहा है। विभाग कल मंगलवार से 30 अप्रैल तक के लिए फैम ट्रिप शुरू करेगा। इसके खास मेहमान होंगे जर्मनी, आस्ट्रेलिया और यूके व यूएस से आने वाले प्रतिष्ठित टूर ऑपरेटर। ये मेहमान लखनऊ की चिकन कला, दुधवा के जंगल व ऐतिहासिक धरोहरों के साथ कन्नौज के इत्र निर्माण और काशी में बाबा विश्वनाथ धाम को निहारेंगे।
फैम ट्रिप में 22 से 30 अप्रैल तक पूरे यूपी का भ्रमण करेगा विदेशी दल
प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की अगुवाई में यूपी ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इजाफा करने के लिए प्लान बनाता रहता है। इसी के तहत एक खास पहल 22 अप्रैल से शुरू होगी। ये एक फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) है जो आगामी 30 अप्रैल तक चलेगी। नौ दिन तक चलने वाली इस ट्रिप में भारत सहित यूके, यूएस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख पर्यटन व्यवसायियों (टूर ऑपरेटर) का एक प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा। ये पूरे उत्तर प्रदेश का भ्रमण करेगा।
पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर मिलेगी पहचान, शामिल होंगे मीडिया कर्मी व ट्रैवल राइटर्स
चंबल से काशी तक होने वाले भ्रमण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार हो गई है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह फैम ट्रिप विदेशी टूर ऑपरेटरों को प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों से परिचित कराने और उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। प्रतिनिधिमंडल में पत्रकारों और ट्रैवल राइटर्स को भी शामिल किया गया है।
आगरा, लखनऊ, कन्नौज व प्रयागराज और काशी में धरोहर व कला संस्कृति से रूबरू होगा दल
चंबल सफारी से काशी तक की यात्रा में प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य को निहारेंगे। इस दल के भ्रमण की शुरुआत आगरा से होगी, जहां प्रतिनिधि बटेश्वर और चंबल सफारी का आनन्द लेंगे। इसके बाद यह दल कन्नौज में इत्र निर्माण से जुड़ी विशेष वर्कशॉप में हिस्सा लेगा। दल दुधवा नेशनल पार्क, पीलीभीत टाइगर रिजर्व और कतर्नियाघाट से राजधानी लखनऊ पहुंचेगा। यहां वे ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ लखनऊ की मशहूर चिकनकारी और लजीज व्यंजन चखेंगे। लखनऊ से दल प्रयागराज जाकर संगम तट, ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे। यहां से दल काशी में बाबा विश्वनाथ धाम के दर्शन कर गंगा आरती का भव्य दिव्य नजारा देखेंगे। साथ ही पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लेकर क्राफ्ट कला देखेंगें।