जयपुर, 21 अप्रैल 2025
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने सोमवार को कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला कोई कानूनी मामला नहीं बल्कि एक ‘राजनीतिक साजिश’ है। उन्होंने भाजपा पर विपक्ष की आवाज दबाने और लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। कुमार ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जिसकी दोषसिद्धि दर एक प्रतिशत भी नहीं है, क्योंकि भाजपा को यह एहसास हो गया है कि जब तक परिवार मौजूद है, तब तक कांग्रेस मौजूद है। कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संविधान को ध्वस्त करने का उनका सपना पूरा नहीं हो सकता।’’
ईडी का इस्तेमाल गांधी परिवार को निशाना बनाने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया गया: कुमार उन्होंने कहा, ‘‘उनका मुख्य एजेंडा ईडी जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग करके देश की विपक्षी आवाज को दबाना और लोगों का ध्यान बुनियादी मुद्दों से भटकाना है।’’ ईडी ने हाल ही में नेशनल हेराल्ड मामले में नई दिल्ली की एक विशेष अदालत में सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें उन पर कथित तौर पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत 9 अप्रैल को दायर अभियोजन पक्ष की शिकायत में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 और उनके बेटे और सांसद राहुल गांधी, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, को आरोपी नंबर 2 के रूप में नामित किया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा शुरू से ही नेशनल हेराल्ड मामले में झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा, “यह नया झूठ क्यों फैलाया गया है? वे देश के लिए बलिदान देने वाले परिवार को बदनाम करने के लिए झूठ बोल रहे हैं।” कुमार ने कहा कि भाजपा द्वारा नेशनल हेराल्ड को निशाना बनाना वैसा ही है जैसे आजादी से पहले अंग्रेजों ने अखबारों पर हमला किया था। “1942 में अंग्रेजों ने नेशनल हेराल्ड पर प्रतिबंध लगा दिया था। जब वे अंग्रेजों से नहीं डरते थे, तो क्या आज वे अंग्रेजों के जासूसों से डरेंगे?”
‘मामले में कोई कानूनी योग्यता नहीं’ :
भाजपा पर जांच एजेंसियों को हथियार बनाने का आरोप लगाते हुए कुमार ने कहा, “ईडी अब प्रवर्तन निदेशालय नहीं रह गया है। यह भाजपा का जबरन वसूली विभाग है। इसकी सजा दर 1 प्रतिशत भी नहीं है। वे 100 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, और फिर भी किसी को सजा नहीं मिलती।” उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले का कोई कानूनी पहलू नहीं है, यह एक ‘‘राजनीतिक साजिश’’ है। कुमार ने तर्क दिया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामला निराधार है, क्योंकि संबंधित संस्थाओं के बीच कोई वित्तीय लेनदेन नहीं हुआ था। कुमार ने कहा, “जिस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है, वह वहां लागू होता है जहां पैसे उधार लिए गए हों। लेकिन इस मामले में कोई उधार नहीं लिया गया था।” उन्होंने कहा कि इसमें शामिल दोनों कंपनियां, जिनमें नेशनल हेराल्ड का प्रबंधन करने वाली कंपनी भी शामिल है, गैर-लाभकारी संगठन हैं। कुमार ने नेशनल हेराल्ड मामले में कथित संपत्ति के दुरुपयोग के भाजपा के दावों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, “वे कहते हैं कि यह हजारों करोड़ की संपत्ति है, लेकिन लखनऊ को छोड़कर सभी संपत्तियां लीज पर हैं। यह नेशनल हेराल्ड की निजी संपत्ति भी नहीं है। फिर राहुल गांधी या सोनिया गांधी को कैसे फायदा हुआ?”
कांग्रेस नेता ने आरएसएस और बीजेपी के वित्त के बारे में चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, “कोई भी इस बारे में क्यों नहीं बोल रहा है कि बीजेपी-आरएसएस को हर शहर में कार्यालय बनाने के लिए पैसा कहां से मिला?” कुमार ने कहा, “अगर सरकार के पास सबूत हैं, तो उसे पेश करना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए तथा विपक्ष को चुप कराने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करना बंद करना चाहिए।”