रामबन,22 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। तेज बारिश के बीच होटल में पानी घुस गया और देखते ही देखते जलस्तर जानलेवा स्तर तक पहुंच गया। इस खतरनाक स्थिति में होटल में ठहरे यात्रियों की गाड़ियां मलबे में दब गईं।
इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो नाबालिग भाई-बहन भी शामिल हैं। भूस्खलन और बाढ़ के चलते सड़कों, घरों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। रामबन जिले में 21 अप्रैल को स्कूलों को बंद करना पड़ा।
घटना के समय पंजाब के लुधियाना से आए गुरदेव सिंह अपने माता-पिता, पत्नी और दो साल की बेटी के साथ होटल में रुके हुए थे। वे आठ पर्यटकों में शामिल थे जो भूस्खलन में फंस गए थे। गुरदेव सिंह ने बताया कि 19 अप्रैल की शाम को उन्होंने कश्मीर जाने का प्लान किया था, लेकिन भारी बारिश के कारण होटल में ही रुकने का फैसला लिया।
उन्होंने बताया कि सुबह करीब 3 बजे होटल स्टाफ ने उन्हें उठाकर बताया कि बाढ़ का पानी होटल में घुस गया है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा था और वह मुश्किल से अपनी जान बचा पाए।
होटल स्टाफ और पुलिस की तत्परता की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी वजह से ही वे सुरक्षित बाहर निकल पाए, हालांकि उनकी कार मलबे में दब गई।
रेस्क्यू टीमों ने 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जबकि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों गाड़ियां फंसी रहीं, जिन्हें बाद में बाहर निकाला गया। यह 250 किलोमीटर लंबा ऑल-वेदर रोड कश्मीर को देश से जोड़ने का एकमात्र जरिया है।
पंजाब के ही संजीव कुमार भी अपने दो दोस्तों के साथ इस प्राकृतिक आपदा के समय कश्मीर में मौजूद थे। सभी ने पुलिस और प्रशासन की मदद से सुरक्षित जगह तक पहुंचने में कामयाबी पाई। गुरदेव सिंह ने भगवान का शुक्रिया अदा किया और प्रशासन से अपनी कार निकालने में सहायता की अपील की।