रामबन | 22 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के रामबन में हाल ही में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही मची है। हालात का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के काफिले को बाढ़ पीड़ितों ने रोक लिया। लोगों की भीड़ ने सीएम की गाड़ी को घेर लिया और रोते-बिलखते महिलाओं ने अपना दर्द बयां किया। सीएम गाड़ी से बाहर आए और उन्होंने खुद रुककर लोगों की बातें सुनीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले तीन दिनों में लगातार वरिष्ठ मंत्री मौके पर पहुंच रहे हैं और वह खुद भी पैदल चलकर हालात का जायजा ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना सरकार की प्राथमिकता थी, अब दूसरी प्राथमिकता डैमेज हुई सड़कों को फिर से जोड़ने की है, ताकि जरूरी राहत सामग्री समय पर पहुंचाई जा सके। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि अगले 24 घंटे में हाईवे को सिंगल ट्रैक के रूप में खोल दिया जाएगा। इसके बाद मलबा हटाने और जीर्णोद्धार का काम शुरू किया जाएगा।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने बताया कि राहत सामग्री का वितरण शुरू कर दिया गया है और जल्द ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार नुकसान का आकलन कर मुआवजा भी दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार से भी हर संभव मदद मिलेगी।
रामबन में बारिश के बाद बादल फटने से बाढ़ और लैंड स्लाइड ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 37 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, कई सड़कें टूट चुकी हैं और दुकानों को भी भारी नुकसान हुआ है। इस आपदा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 10 से 12 गांवों में अलग-अलग स्तर का नुकसान दर्ज किया गया है। इलाके से आई तस्वीरों में दूर-दूर तक मलबा ही मलबा नजर आ रहा है, कई गाड़ियां मलबे में फंसी हैं और कई घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं। राहत और बचाव का कार्य लगातार जारी है।