चेन्नई, 24 अप्रैल 2025
इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने बुधवार को यहां कहा कि भारत सीमा सुरक्षा और तटीय निगरानी बढ़ाने के लिए अगले तीन वर्षों में पूरे देश को कवर करने के लिए 100-150 अतिरिक्त उपग्रह जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत लगभग 55 उपग्रहों का संचालन करता है और एक ऐसे देश के लिए जिसकी सीमा बहुत बड़ी है तथा समुद्रतटीय क्षेत्र 7,500 किलोमीटर है, यह पर्याप्त नहीं है।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव नारायणन ने कहा कि इन्हीं कारणों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार पेश किए हैं, जो रॉकेट और उपग्रहों के निर्माण में निजी खिलाड़ियों की भागीदारी की अनुमति देता है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “हमें अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए बहुत सारे उपग्रहों की आवश्यकता है। हमारे पास 55 उपग्रह काम कर रहे हैं और यह सीमा और तटीय क्षेत्रों की निगरानी के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए हमें और उपग्रहों की आवश्यकता है। अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के माध्यम से हम उपग्रहों के निर्माण के लिए निजी खिलाड़ियों को ला सकते हैं और हम उनका मार्गदर्शन कर सकते हैं। तीन वर्षों में, हम 100-150 और उपग्रह जोड़ेंगे। उन सभी उपग्रहों के साथ हम देश की पूरी तरह से निगरानी कर सकते हैं।”
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर इसरो द्वारा क्या कदम उठाए जा सकते हैं जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। नारायणन यहां शहर स्थित स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कावेरी अस्पताल द्वारा प्रस्तुत “एआई संचालित रोबोटिक कम्पैटिबल ओ-एआरएम विद स्टेल्थ नेविगेशन सिस्टम” के शुभारंभ के अवसर पर आए थे।
अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा शुरू की गई कुछ परियोजनाओं का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि इसरो ने सोमवार को अपने स्पैडेक्स मिशन के तहत उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक की। उन्होंने कहा कि भारत इस लक्ष्य को हासिल करने वाले चार देशों में से एक है। अन्य चार देश अमेरिका, रूस और चीन हैं।
इसरो ने 30 दिसंबर, 2024 को पीएसएलवी-सी60/स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट मिशन लॉन्च किया था। इसके बाद, 16 जनवरी को पहली बार उपग्रहों को सफलतापूर्वक डॉक किया गया और 13 मार्च को सफलतापूर्वक अनडॉक किया गया। पिछले हफ़्ते दूसरी डॉकिंग की गई। इसके अलावा, नारायणन ने कहा कि वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के बारे में अध्ययन करने के लिए एक उपग्रह विकसित करने में लगे हुए हैं, जो मुख्य रूप से जी-20 देशों के लिए उपयोगी होगा। उन्होंने बिना विस्तार से बताए कहा, “लगभग 50 प्रतिशत पेलोड भारत द्वारा निर्मित किया जाएगा और शेष का योगदान जी-20 राष्ट्रों द्वारा दिया जाएगा।”
कावेरी अस्पताल के सह-संस्थापक डॉ. अरविंदन सेल्वाराज ने उन्नत मस्तिष्क और रीढ़ की सर्जरी के लिए एआई संचालित रोबोटिक संगत प्रौद्योगिकी उपचार की शुरुआत करते हुए कहा, “यह एक लागत प्रभावी उपचार है। एआई की मदद से, रोगियों का विवरण संग्रहीत किया जा सकता है और सर्जरी को ‘प्रभावी ढंग से’ किया जा सकता है।”