BusinessUttar Pradesh

अंसल फ्रॉड: दिवालिया घोषित करने के आदेश पर रोक, हजारों आवंटी खुश

लखनऊ 25 अप्रैल 2025:

देश की नामी रियल स्टेट कंपनी अंसल एपीआई को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने उसे दिवालिया घोषित करने व विकसित टाउनशिप को तीसरे पक्ष द्वारा टेकओवर करने पर रोक लगा दी है। इस फैसले से मायूस चल रहे लगभग सात हजार आवंटियों को राहत महसूस हुई है। मामले में 20 मई को अगली सुनवाई होगी। सरोजनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह ने एक्स अकाउंट पर ये खुशी साझा की है।

आवंटियों का हजारों करोड़ है कंपनी के पास

बता दें कि अंसल ने टाउनशिप विकसित करने के नाम पर जबरदस्त फ्रॉड किया। जमीन मौजूद न होते हुए भी हजारों लोगों से करोड़ो रूपये फ्लैट, विला,कमर्शियल प्लाटों के साथ दुकानों के नाम पर जमा कर लिए गए। हाईटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए अंसल और एलडीए की बीच एमओयू भी हुआ था। इन सब गतिविधियों को देखकर निवेशक इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि अंसल सही रास्ते पर है। फिलहाल सालों का वक्त बीतने के बाद उन्हें जमीन के दर्शन तक नहीं हुए कब्जा मिलना तो दूर की बात रही। इधर अंसल एपीआई भी मुकदमों और जांच में घिरती चली गई।

हंगामा बढ़ा तो सीएम ने संज्ञान लेकर कहा था, होम बॉयर से हुआ धोखा तो पाताल से लाकर देंगे सजा

फरवरी माह में अंसल एपीआई को महज 83 करोड़ की देनदारी के लिए एनसीएलटी ने दिवालिया घोषित कर दिया। निवेशकों ने हंगामा किया और आक्रोश जाहिर किया इसके बाद सरोजनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह ने निवेशकों के साथ बैठक कर कहा था कि सरकार इस मामले पर गम्भीर है। जल्द ही इसका समाधान निकाल कर खरीदारों के हितों की रक्षा की जाएगी। सीएम योगी ने भी इस मामले का संज्ञान लेकर कहा था कि अंसल तो सपा की ही उपज थी। उसने एक भी होम बायर के साथ धोखा किया तो पाताल से भी उसे लाएंगे सजा देंगे और उसकी सारी संपत्ति जब्त कर लेंगे।

रोक से मिलेंगे कई फायदे, 20 मई को होगी अगली सुनवाई

फिलहाल अब राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के नए आदेश के बाद दिवालिया घोषित होने पर रोक के अलावा कई फायदे मिले हैं। इसमें एलडीए और अन्य पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। एलडीए अगर अंसल की टाउनशिप को टेकओवर करेगा तो आवंटियों का पैसा नहीं डूबेगा। उन्हें मकान व प्लॉट मिल सकेंगे। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 20 मई निर्धारित की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button