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रायबरेली को लेकर राहुल गांधी की नई रणनीति, अमेठी जैसी गलती नहीं दोहराने का संकल्प

रायबरेली, 29 अप्रैल 2025:

राहुल गांधी अब रायबरेली में वह गलतियां नहीं दोहराना चाहते जो कभी अमेठी में उन्हें महंगी पड़ी थीं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली पहुंचे हैं। सांसद बनने के बाद यह उनका पांचवां दौरा है। इस बार वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं और बूथ अध्यक्षों से संवाद के साथ-साथ जिले की विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।

कुंदनगंज स्थित विशाखा इंडस्ट्रीज में राहुल गांधी ने दो मेगावॉट सोलर रूफ प्लांट और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके बाद नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण और बचत भवन में दिशा की बैठक में भाग लिया। दिशा की बैठक में जिले के सभी विधायकों, ब्लॉक प्रमुखों और पंचायत अध्यक्षों को बुलाया गया था।

राहुल गांधी इस बार स्पष्ट रणनीति के तहत अपने संसदीय क्षेत्र को खुद संभाल रहे हैं। अमेठी में प्रतिनिधियों के भरोसे छोड़े जाने की गलती के विपरीत, वह अब खुद लोगों से जुड़ रहे हैं। लालगंज में रेल कोच फैक्टरी और कोरवा में इंडो-रसियन राइफल्स प्रोजेक्ट का दौरा भी उनके कार्यक्रम में शामिल है।

राहुल गांधी जिले की समस्याओं और सरकारी योजनाओं की स्थिति पर भी पैनी नजर रख रहे हैं। चाहे दलित युवक की हत्या हो या परिवार के साथ अन्याय, राहुल गांधी मौके पर पहुंचकर सीधे संवाद कर रहे हैं। इससे वह जनता के बीच अपनी सक्रियता का संदेश दे रहे हैं।

2024 में रायबरेली से मिली जीत को कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पुनर्जीवन का संकेत मान रही है। राहुल गांधी ने वायनाड छोड़कर रायबरेली को चुना है, ताकि यहां से यूपी की राजनीति में अपनी पार्टी को दोबारा स्थापित कर सकें। उनके लगातार दौरे, योजनाओं की समीक्षा और जमीनी संवाद इसी रणनीति का हिस्सा हैं।

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