
पहलगाम, जम्मू-कश्मीर | 2 मई 2025
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर प्रारंभिक जांच में बड़ा खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, ISI और पाकिस्तानी सेना की गहरी मिलीभगत है। आतंकियों ने घटना स्थल से महज 10 किलोमीटर दूर बेताब घाटी में हथियार छिपा कर रखे थे।
NIA सूत्रों के अनुसार आतंकियों ने हमले से पहले इलाके की रेकी की थी। इस दौरान उन्होंने बेताब घाटी को हथियार छुपाने के लिए चुना था। प्रारंभिक रिपोर्ट में OGW (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) की भूमिका का भी उल्लेख किया गया है। जांच एजेंसी ने 150 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं और 3D मैपिंग के जरिए हमले के दृश्य का रिक्रिएशन भी किया गया है।
रिपोर्ट में दो मुख्य आतंकियों हाशिम मूसा और अली उर्फ तल्हा भाई की पहचान की गई है, जो पाकिस्तान के नागरिक बताए जा रहे हैं। दोनों हमले से पहले लगातार अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में थे। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ISI के निर्देश पर लश्कर के मुख्यालय में इस हमले की साजिश रची गई थी।
NIA ने OGW के नेटवर्क की भी पहचान की है और जल्द ही उनके खिलाफ प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मौके से बरामद खाली कारतूसों को FSL जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही, रिपोर्ट में PoK से आतंकी संबंधों की भी पुष्टि की गई है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। हमले की शुरुआत में जिम्मेदारी TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी, लेकिन बाद में इससे इनकार कर दिया गया।