
उदयपुर, 2 मई 2025
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का निधन 80 वर्ष की आयु में गुरुवार को हुआ। वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं और अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। गिरिजा व्यास का निधन राजस्थान में शोक की लहर लेकर आया है, खासकर उस समय जब वे गणगौर पूजा के दौरान गंभीर रूप से झुलस गई थीं। इस हादसे में वे 90 प्रतिशत तक जल गई थीं।
गिरिजा व्यास ने 2013 से 2014 तक केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री के रूप में काम किया था। इसके अलावा, वे नरसिम्हा राव सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रह चुकी थीं। वे राजस्थान सरकार में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी थीं।
गिरिजा व्यास का जन्म राजसमंद जिले के नाथद्वारा में हुआ था। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी मां शिक्षिका थीं। उन्होंने उदयपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी। इससे पहले वे उदयपुर विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र विभाग में प्रोफेसर भी रहीं थीं।
उनका राजनीतिक सफर 1977 में शुरू हुआ जब वे उदयपुर जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष बनीं। इसके बाद वे 1985 से 1990 तक विधायक, 1991 में लोकसभा सदस्य, और 1993 में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। 2005 से 2011 तक उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षता की। उन्होंने 2018 में आखिरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें बीजेपी के गुलाबचंद कटारिया से हार का सामना करना पड़ा था।
गिरिजा व्यास का निधन कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी क्षति है और उनके शोक संदेश कई दिग्गज नेताओं द्वारा दिए गए हैं।






