Rajasthan

तिरंगा यात्रा में भाजपा विधायक ने तिरंगे से पोंछा पसीना, विवाद गरमाया तो बोले- रेशमी रूमाल था

जयपुर, 16 मई 2025

जयपुर में भाजपा व्दारा निकाली जा रही तिंरगा यात्रा में कुछ ऐसा हुए जिससे एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल यहां यात्रा के दौरान भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य द्वारा का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह तिरंगे से अपना पसीना पोंछने नजर आ रहे हैं। इस घटना पर विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा और विधायक की तीखी आलोचना की है।

गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारतीय सेना के सम्मान में भाजपा ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अगुवाई में यह यात्रा निकाली। यात्रा का नेतृत्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल राठौर ने किया और इसमें कई मंत्री, विधायक और सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं शामिल हुए। रैली के दौरान, हवा महल से भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज जैसी किसी चीज से अपने चेहरे से पसीना पोंछते देखे गए। विधायक व्दारा तिरगें से पसीना पोछनें की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में लोगों और राजनीतिक विरोधियों ने इस कृत्य की आलोचना की, वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भाजपा विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कथित कृत्य की निंदा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।  उन्होंने कहा, “तिरंगा राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है, कोई रूमाल नहीं। इस तरह के अपमान के लिए माफी और जवाबदेही की आवश्यकता है। यह न केवल तिरंगे का अपमान है, बल्कि हमारे शहीदों के बलिदान का भी अपमान है। तिरंगा देश का गौरव है, कोई रूमाल नहीं।”  उन्होंने कहा कि जिस तिरंगे के लिए वीर जवानों ने अपनी जान कुर्बान की, उसी तिरंगे से बालमुकुंदाचार्य ने अपनी नाक पोंछी। उन्होंने कहा, “यह भाजपा का दोहरा चरित्र ही नहीं, बल्कि देश और संविधान के प्रति द्रोह है। आज इस तिरंगे के लिए अपनी जान देने वाले लाखों शहीदों के बलिदान का अपमान किया जा रहा है। बालमुकुंदाचार्य को माफी मांगनी चाहिए।”

विवाद पर विधायक ने दी प्रतिक्रिया :

तिरंगे के अपमान पर हुए इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए बालमुकुंदाचार्य ने तिरंगे का इस्तेमाल करने से इनकार किया और दावा किया कि जिस चीज पर सवाल उठाया जा रहा है, वह एक सफेद और हरे रंग का रेशमी रूमाल था जो उन्हें पार्टी के एक कार्यकर्ता ने दिया था। उन्होंने मीडिया से कहा, “यह राष्ट्रीय ध्वज नहीं था। कांग्रेस जानबूझकर वीडियो वायरल कर रही है क्योंकि तिरंगा यात्रा एक बड़ी सफलता थी और उनके पास उठाने के लिए कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है।”

विधायक पहले भी विवादों में रहे हैं, जिसमें हाल ही में उनके खिलाफ मस्जिद में घुसकर नारे लगाने के आरोप में दर्ज की गई एफआईआर भी शामिल है।
विवाद के बावजूद, यात्रा में समाज के सभी वर्गों के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। नागरिकों ने तिरंगा लहराया और देशभक्ति के गीतों पर नाचते हुए “भारत माता की जय” के नारे लगाए।

व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने जुलूस का स्वागत करने के लिए फूलों की पंखुड़ियाँ बरसाईं। एकता के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने रैली का स्वागत करने के लिए जौहरी बाज़ार में जामा मस्जिद के बाहर लाल कालीन बिछाया। ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारों के बीच, प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद का कड़ा विरोध किया, तिरंगा ऊँचा उठाया और राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की शपथ ली।

 

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