झालावाड़ घोटाले में 7 डीलर फंसे, जाँच में सरकार को करोड़ों का नुकसान उजागर

mahi rajput
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झालावाड़,19 अक्टूबर

राजस्थान के झालावाड़ जिले में सात राशन डीलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने जा रही है। इन डीलरों पर आरोप है कि इन्होंने 1430 क्विंटल गेहूं का गबन किया है, जो गरीबों के लिए था। रसद विभाग ने जांच में पाया कि इन डीलरों के पास गेहूं का स्टॉक कम था।

यह मामला तब सामने आया जब रसद विभाग ने राशन दुकानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई दुकानों पर गेहूं कम मिला। विभाग ने जब जांच की तो पता चला कि 7 डीलरों ने 1430 क्विंटल गेहूं का गबन कर लिया है।

डीलरों के लाइसेंस निलंबित, पुलिस केस की तैयारी

विभाग ने इन सभी डीलरों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं और इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। नियमानुसार, डीलरों को गेहूं की कीमत 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चुकानी होगी। इस हिसाब से इन डीलरों पर 36 लाख रुपये से ज्यादा की वसूली होनी है।

मनपसर की दुकान से 400 बोरी गेहूं गायब

सबसे ज्यादा गेहूं मनपसर की दुकान से गायब पाया गया। यहां 400 क्विंटल गेहूं कम मिला। इसके अलावा थरोल में 300 क्विंटल, सहकारी समिति देवनगर में 190 क्विंटल, भवानीमंडी शहर और बोरबंद गांव में 180-180 क्विंटल, बोरदा गांव में 80 क्विंटल और सहकारी समिति आवर में 100 क्विंटल गेहूं कम मिला।

हैरानी की बात यह है कि सरकार ने गरीबों को मिलने वाले राशन में गड़बड़ी रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। राशन वितरण के लिए पोश मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। राशन कार्ड को आधार से लिंक किया गया है। इसके बावजूद डीलर गड़बड़ी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

यह मामला सरकार के लिए चिंता का विषय है क्योंकि इससे पता चलता है कि गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और दोषी डीलरों को सजा दिला पाती है या नहीं।

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