
लखनऊ, 21 मई 2025:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजनों के पुनर्वास, शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर ‘दिव्यांग पुनर्वास केंद्र’ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को अपने आवास पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग छात्रों के लिए संचालित शिक्षण संस्थानों में प्रशासनिक तंत्र को और अधिक संवेदनशील, सजग और सतर्क बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कुछ अराजक तत्व इन संस्थानों में भ्रम फैलाकर छात्रों को अवांछित और समाजविरोधी गतिविधियों की ओर उकसाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसी प्रवृत्तियों पर कड़ी नजर रखे जाने और विद्यार्थियों की सुरक्षा तथा मानसिक-सामाजिक संरक्षण सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सहायता के नाम पर प्रस्ताव देने वाली किसी भी बाहरी संस्था की पृष्ठभूमि की गहन जांच के बाद ही उन्हें संस्थानों में प्रवेश की अनुमति दी जाए।

शैक्षिक संस्थानों का होगा व्यापक निरीक्षण
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी बचपन डे केयर सेंटरों, मानसिक मंदित आश्रय केंद्रों, समेकित विद्यालयों और ‘ममता’, ‘स्पर्श’ तथा ‘संकेत’ विद्यालयों का व्यापक निरीक्षण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी आवश्यकताओं और अभिभावकों की अपेक्षाओं को समझा जाए और संस्थागत व्यवस्थाएं उसी अनुरूप सुदृढ़ की जाएं।
रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग छात्रों के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए। जब तक नियमित नियुक्तियां न हों, तब तक वैकल्पिक रूप से योग्य युवाओं की सेवाएं ली जाएं और उन्हें भविष्य की चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता (वेटेज) दी जाए।
राष्ट्रीय स्तर पर होगा दिव्यांग विश्वविद्यालयों का प्रचार-प्रसार
मुख्यमंत्री ने लखनऊ स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय और चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों का प्रचार-प्रसार राष्ट्रीय स्तर पर किया जाए ताकि देशभर के दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो सकें।






