
लखनऊ, 29 मई 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में 18 साल पुराने भ्रष्टाचार के एक मामले में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने आशियाना थाने के तत्कालीन कांस्टेबल एवं वर्तमान में दरोगा विनोद यादव को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही आरोपी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
दुकानदार को फर्जी केस में फंसाने की देता था धमकी
विशेष न्यायाधीश मंजुला सरकार ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी ने वादी से फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत की मांग की थी। यह भ्रष्टाचार की गंभीर श्रेणी में आता है। प्रकरण के अनुसार लखनऊ के आशियाना इलाके के रहने वाले आसिफ खान की अलमारी, ग्रिल और कूलर की दुकान है। आसिफ ने आरोप लगाया था कि आशियाना थाने में तैनात सिपाही विनोद यादव उसका नाम जानबूझकर अपराधियों से जोड़कर जेल भेजने की धमकी देता और रिश्वत की मांग करता था। शिकायत में यह भी कहा गया था कि आरोपी पूर्व में दो बार उन्हें फर्जी मामलों में जेल भिजवा चुका था।
एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत लेते 2007 में पकड़ा था
आसिफ की शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) ने मामले की गुप्त जांच की। जब आरोप सही पाए गए तो 20 जुलाई 2007 को एक ट्रैप टीम गठित कर कार्रवाई की गई। टीम ने कानपुर रोड स्थित एक चाय की गुमटी से विनोद यादव को वादी से 4000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए बुधवार को सजा सुनाई।






