
बोस्टन, 31 मई 2025
भारतीय-अमेरिकी छात्रा मेघा वेमुरी को मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने ग्रेजुएशन समारोह में भाग लेने से रोक दिया है। मेघा पर आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान मंच का उपयोग फिलिस्तीन के समर्थन में भाषण देने के लिए किया। वेमुरी को एमआईटी की 2025 बैच की क्लास प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया था और वे समारोह में मार्शल की भूमिका निभाने वाली थीं, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह अधिकार उनसे वापस ले लिया।
चांसलर मेलिसा नोबल्स ने उन्हें भेजे एक ईमेल में लिखा कि मेघा ने आयोजकों को बार-बार गुमराह किया और संस्थान के नियमों का उल्लंघन करते हुए सार्वजनिक मंच पर विरोध प्रदर्शन किया। चांसलर ने कहा कि भले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार स्वीकार्य है, लेकिन संस्थान के कार्यक्रम को बाधित करना नियमों के खिलाफ है।
कार्यक्रम के दौरान मेघा ने एक लाल ‘केफियेह’ स्कार्फ पहना था, जो फिलिस्तीन के समर्थन का प्रतीक माना जाता है। भाषण में उन्होंने इजराइल द्वारा गाजा में की जा रही कार्रवाइयों की आलोचना की और एमआईटी के इजराइल के साथ रिसर्च संबंधों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि उनका संस्थान, जानबूझकर या अनजाने में, इस हिंसा का हिस्सा बन रहा है।
मेघा का जन्म जॉर्जिया के अल्फारेटा में हुआ था। उन्होंने कंप्यूटर साइंस, न्यूरोसाइंस और भाषाविज्ञान में एमआईटी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह ‘लिखित क्रांति’ नामक एक स्टूडेंट ग्रुप से भी जुड़ी हैं, जो क्रांतिकारी विचारों को मंच देता है। उनके इस कृत्य पर अमेरिका में भी दो धाराएं बन गई हैं—कुछ लोग इसे साहसिक कदम मान रहे हैं, जबकि कई इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में रख रहे हैं।