लंदन, 2 जून 2025:
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने लंदन में एक चर्चा के दौरान कहा कि पाकिस्तान का जन्म हिंसा में हुआ था और यह किसी लोकप्रिय आंदोलन के माध्यम से अस्तित्व में नहीं आया। उन्होंने बताया कि 1946 के कलकत्ता हत्याकांड और 1971 के ढाका हत्याकांड के बाद भी पाकिस्तान ने अपनी हिंसक नीति नहीं बदली। अकबर ने कहा कि यह हिंसा पाकिस्तान की शासक और अभिजात्य वर्ग के लिए आनुवंशिक बन चुकी है।
एमजे अकबर ने महात्मा गांधी के आतंकवाद के खिलाफ अहिंसा के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गांधी जी 22 अक्टूबर 1947 को जीवित थे, जब आधुनिक आतंकवाद की शुरुआत हुई थी। उस समय पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए 5 हजार आतंकवादियों को सीमा पार भेजा। इस घटना के सात दिन बाद 29 अक्टूबर को गांधी जी ने लार्ड माउंटबेटन से मुलाकात की, जहां माउंटबेटन गांधी के दृष्टिकोण से चकित रह गए और कहा कि “अहिंसा का यह आदमी आज चर्चिल जैसा लग रहा है।”
गांधी जी ने माउंटबेटन को स्पष्ट रूप से बताया कि आतंकवाद के खिलाफ अहिंसा से काम नहीं चलेगा, देश को खड़ा होना होगा, भारतीय सेना और सैनिक आतंकवाद से लड़ेंगे और कोई पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश के सैनिक अपनी जान तक देने को तैयार हैं।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लंदन में आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दुनिया के सामने रख रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल में एमजे अकबर, प्रियंका चतुर्वेदी, अमर सिंह समेत अन्य नेता शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल सामुदायिक समूहों, थिंक टैंक्स और सांसदों से मिलकर आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा कर रहा है।
लंदन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। यह प्रतिनिधिमंडल 31 मई से 3 जून तक लंदन में रहेगा और आतंकवाद के खिलाफ भारत के संदेश को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का काम करेगा।