लखनऊ, 6 जून 2025 :
उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण को लेकर जारी विरोध के बीच यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने हड़ताल की संभावनाओं को देखते हुए आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (ESMA) को आगामी छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है। इससे सभी डिस्कॉम में हड़ताल पर रोक लगा दी गई है। यह आदेश ऊर्जा उत्पादन, पारेषण और वितरण से जुड़ी सभी इकाइयों जैसे केस्को, मध्यांचल, पूर्वांचल, पश्चिमांचल और दक्षिणांचल पर लागू होगा।
संघर्ष समिति की चेतावनी
सरकार ने यह कदम पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के प्रस्तावित निजीकरण को लेकर कर्मचारियों के विरोध के बीच उठाया है। संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण को लेकर पॉवर कॉरपोरेशन पर निजी घरानों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि अभियंताओं पर यदि अनावश्यक कार्रवाई हुई तो इसका कड़ा विरोध होगा।
प्राइवेट कंपनियों की नजर यूपी की बिजली पर
सूत्रों के अनुसार, UPPCL पूर्वांचल और दक्षिणांचल में वितरण व्यवस्था को भंग कर पांच नई कंपनियों के गठन की तैयारी कर रहा है, जिनमें 51% हिस्सेदारी निजी समूहों को दी जाएगी। टाटा पावर, अदाणी पावर, ग्रीनको, सेरेंटिका रिन्यूबल्स, टोरेंट पावर, सीईएससी लिमिटेड जैसे कई दिग्गज समूहों की नजरें इन कंपनियों पर हैं।
निजीकरण प्रक्रिया को दी गई गति
निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए ग्रांट थॉर्नटन भारत को सलाहकार नियुक्त किया गया है, जो RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) तैयार कर रहा है। इसे मंजूरी मिलते ही जुलाई तक टेंडर जारी किए जाने की संभावना है। सरकार नवंबर 2025 तक प्रक्रिया पूरी करने के लक्ष्य पर काम कर रही है।
इस बीच संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में लामबंदी तेज कर दी है और चेताया है कि यदि जनहित की अनदेखी की गई तो विरोध और तेज़ होगा।