
नई दिल्ली, 9 जून 2025:
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास यानी सावन का महीना अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह महीना संपूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। भक्त इस दौरान व्रत, उपवास और शिव की पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। विशेष रूप से सावन के सोमवार का धार्मिक महत्व काफी अधिक होता है। साल 2025 में सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 9 अगस्त को होगा।
श्रावण मास की प्रतिपदा तिथि 11 जुलाई 2025 की रात 11:07 बजे से प्रारंभ हो रही है। सावन के सोमवार व्रत की शुरुआत 14 जुलाई से होगी, जो कि पहला सोमवार है। कुल मिलाकर इस बार सावन में चार सोमवार पड़ेंगे – 14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई और 4 अगस्त। इन दिनों में श्रद्धालु व्रत रखकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं, जिससे शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
सावन में मंगलवार का भी विशेष महत्व है, जिन्हें माता पार्वती को समर्पित ‘मंगला गौरी व्रत’ के रूप में मनाया जाता है। साल 2025 में मंगला गौरी व्रत की तिथियां इस प्रकार हैं – 15 जुलाई, 22 जुलाई, 29 जुलाई और 5 अगस्त।
मान्यता है कि सावन सोमवार के व्रत से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं योग्य वर प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं। शिव-पार्वती की आराधना इस माह में बहुत ही पुण्यदायी मानी जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में की गई पूजा वर्ष भर के पुण्यफल प्रदान करती है। भक्तों का विश्वास है कि इस माह शिव भक्ति से सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है।
नोट: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और पंचांग गणना पर आधारित है।