लखनऊ, 12 जून 2025 –
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर नया मोड़ आया है। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को तीसरे मोर्चे ‘लोक मोर्चा’ के गठन की घोषणा कर दी है। इस नए राजनीतिक गठबंधन में कई छोटे-छोटे दल शामिल किए गए हैं और स्वयं स्वामी प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है।
लखनऊ के दयाल पैराडाइज होटल में हुई बैठक के बाद मौर्य ने बताया कि उनका उद्देश्य आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और सपा-इंडिया गठबंधन के विकल्प के रूप में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना है। मौर्य ने कहा कि पंचायत स्तर पर मजबूत पकड़ ही विधानसभा चुनाव की सफलता की नींव होगी, इसलिए कार्यकर्ताओं को अभी से संगठित किया जाएगा।
पूर्व मंत्री मौर्य का दावा है कि लोक मोर्चा को कई दलों का समर्थन प्राप्त है, और इस गठबंधन का एजेंडा सामाजिक न्याय, किसानों के हक, युवाओं को रोजगार और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई होगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि चंद्रशेखर आज़ाद जैसे नेता भी मोर्चे का हिस्सा बन सकते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य की गिनती ओबीसी समाज के प्रभावशाली नेताओं में होती रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनकी पकड़ कमजोर हुई है। बसपा, बीजेपी और सपा जैसी प्रमुख पार्टियों में काम कर चुके मौर्य ने अब अपनी नई राह पकड़ी है। 2022 के चुनाव में सपा का दामन थामने के बाद उन्होंने जनता पार्टी बनाई थी और अब छोटे दलों के साथ नया राजनीतिक प्रयोग किया है।
हालांकि, यूपी में वर्तमान में बीजेपी और सपा के नेतृत्व में दो ध्रुवीय चुनावी संघर्ष देखने को मिल रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या स्वामी प्रसाद मौर्य का नया गठबंधन इस समीकरण को बदलने में सफल हो पाएगा या यह भी सीमित प्रभाव वाला प्रयास बनकर रह जाएगा।