लखनऊ, 12 जून 2025:
यूपी की राजधानी में गुरुवार को लोकभवन सभागार में सम्मान समारोह हुआ। इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बोर्ड परीक्षा के टॉपरों के साथ ही राष्ट्रीय स्तर की विद्यालयी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इसके अलावा सीएम ने लखनऊ के दो राजकीय बालिका इंटर कॉलेजों के नए भवनों समेत 122 करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
छात्रों को मिला एक लाख का चेक व टैबलेट,
सीएम योगी आदित्यनाथ ने केंद्र व राज्य स्तर बोर्डों के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के 166 टॉपर छात्रों को एक लाख का चेक, एक टैबलेट, प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। इसके अलावा 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले यूपी के खिलाड़ियों को ‘मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार’ दिया। प्रतियोगिता में प्रदेश के 363 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इसमें 51 स्वर्ण पदक, 46 रजत पदक और 82 कांस्य पदक खिलाड़ियों ने जीते। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 75 हजार , रजत पदक प्राप्त करने वाले को 50 हजार और कांस्य पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 30 हजार प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किए गए।
माध्यमिक शिक्षा परिषद व संस्कृत शिक्षा निदेशालय को मिलेगा नया भवन
सीएम ने 122 करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसमें लखनऊ में जगत नरायन रोड और मलिहाबाद स्थित जीजीआईसी, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा निदेशालय के नए भवन का शिलान्यास शामिल किया गया है। वहीं भदोही और चंदौली जिले में दो संस्कृत विद्यालयों के भवन व उनके छात्रावास के निर्माण की आधार शिला रखी।
8 साल में बदली स्कूली शिक्षा की तकदीर व तस्वीर
सीएम ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा और स्कूली शिक्षा की तकदीर और तस्वीर को बदलने में हम सफल हुए हैं। परीक्षा छात्रों को प्रताड़ित करने का माध्यम नहीं होना चाहिए, बल्कि उनका आकलन करने का माध्यम होना चाहिए। उसमें प्रतिस्पर्धा का भाव हो, चुनौती से जूझने की एक ललक हो। इस भाव को विकसित करने में कम दिनों की परीक्षा ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। सीएम ने परीक्षा परिणाम में बालिकाओं को आगे रहने पर बधाई दी।
2017 से पहले यूपी में चलता था नकल उद्योग
2017 के पहले बेसिक एजुकेशन लगभग बंदी की ओर जा रही थी और माध्यमिक शिक्षा नकल का अड्डा बन गई थी। लोगों ने नकल के नाम पर व्यवसाय शुरू किया था, हमने लगाम लगाई और दोषियों को जेल भेजा। पिछली सरकार ने नकल के नाम पर निवेश कराया था और बाहर से लोगों को बुलाकर नकल कराई जाती थी। अब नकल उद्योग बंद है। आज के विद्यार्थी सौभाग्यशाली है कि प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट नहीं है। आज का उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य से भारत का ग्रोथ इंजन बन चुका है।
राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुकसान करने वाले को टोंके न माने तो वीडियो वायरल करिये, हम निपट लेंगे
पढ़ाई के साथ-साथ एक-दूसरे के प्रति सम्मान और समाज व राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भाव होना चाहिए। राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। जो नुकसान करता है उसको टोकिए। अगर कमजोर पड़ रहे हैं तो उसकी कंप्लेंट करिए। उसकी फोटो वायरल करिए, बाकी उसकी वसूली हम कर लेंगे। यह सार्वजनिक संपत्ति राष्ट्र की संपत्ति है और हम सब की सामूहिक जवाबदेही का हिस्सा है। राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। राष्ट्र के प्रति हमारी जवाबदेही होनी चाहिए। कोई भी सम्पत्ति राज्य की नहीं,समाज की होती है। सम्पत्ति नष्ट करने वाले का वीडियो वायरल कीजिए, बाकी पोस्टर लगाकर सबक सिखाने के लिए सरकार है।
संस्कृत की मान्यता उन्हीं संस्थानों को जो रहने-खाने की व्यवस्था दे सकें
संस्कृत का अध्ययन करने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा के लिए, जिसमें छठी कक्षा से लेकर आचार्य व Ph.D तक शिक्षा जो भी अर्जित कर रहे हैं। उनके लिए स्कॉलरशिप अनिवार्य की है। संस्कृत की मान्यता हम उन्हीं संस्थानों को दे रहे हैं जो बच्चों को रहने की व्यवस्था दे सकें, उनके खाने की व्यवस्था भी कर सकें। वर्ष 2001 में ‘उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा संस्कृत परिषद’ का गठन हुआ था, पिछले 24 वर्षों में इसके पास अपना भवन नहीं था। आज एक नए भव्य भवन की आधारशिला रखी जा रही है और इस पर 42.42 करोड़ खर्च होंगे…इसमें भव्य लाइब्रेरी होगी, संस्कृत से जुड़ीं रोचक जानकारियां मिलेंगी व अन्य प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित होंगे।