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केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे ने उठाए सवाल, बीते तीन साल में 6 हादसे, उड़ान सुरक्षा पर संकट

केदारनाथ, 16 जून 2025

उत्तराखंड के केदारनाथ में 15 जून की सुबह एक बार फिर हेलिकॉप्टर हादसा हुआ, जिसमें पायलट सहित सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा आर्यन एविएशन के हेलिकॉप्टर के साथ हुआ जो केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था। बताया गया कि उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद गौरीकुंड के ऊपर घने जंगलों में हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। खराब मौसम और कम दृश्यता को हादसे की वजह बताया जा रहा है, लेकिन इससे पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिससे नियमों की अनदेखी और ऑपरेटरों की लापरवाही सामने आती है।

हादसे में जान गंवाने वालों में महाराष्ट्र की श्रद्धा जायसवाल और उनके दो वर्षीय बेटे काशी समेत छह श्रद्धालु और पायलट राजवीर सिंह चौहान शामिल थे। इसके बाद सरकार ने 16 जून तक सभी हेली सेवाएं बंद करने और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त एसओपी बनाने, डीजीसीए के नियमों के कड़ाई से पालन और अनुभवी पायलटों की नियुक्ति के निर्देश दिए हैं। साथ ही एक हाई लेवल कमेटी बनाकर सिस्टम में खामियों की पहचान और दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

बीते तीन साल में केदारनाथ क्षेत्र में छह हेलिकॉप्टर हादसे हो चुके हैं। 7 जून 2025 को एक अन्य हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई, वहीं 8 मई को उत्तरकाशी के पास छह लोगों की जान गई। इस क्षेत्र में आठ कंपनियां हेलिकॉप्टर सेवा देती हैं, लेकिन अक्सर सुरक्षा मानकों की अनदेखी होती है।

डीजीसीए ने हाल ही में हर घंटे सिर्फ दो उड़ानों की अनुमति देने और मौसम के अनुसार उड़ान तय करने की गाइडलाइन जारी की थी। बावजूद इसके, केदारनाथ के लिए प्रतिदिन औसतन 215 उड़ानें संचालित की जाती हैं, जो साफ मौसम में 290 तक पहुंच जाती हैं। अब जरूरत है नियमों को सख्ती से लागू करने की ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित हो सके।

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