पहलगाम, 24 जून 2025:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की जांच में बड़ी प्रगति हुई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दो स्थानीय लोगों – परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर – को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को शरण और रसद सहायता प्रदान की थी। पूछताछ में इन आरोपियों ने हमलावरों की पहचान उजागर की है।
इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। आतंकियों ने हमला करने के बाद धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया और फिर फरार हो गए थे। एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने हमलावरों को बैसरन इलाके में सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जानकारी दी थी, जिससे वे हमले की साजिश को अंजाम दे सके। परवेज और बशीर इलाके में टट्टू की सवारी कर पर्यटकों के संपर्क में थे, जिससे उन्हें सुरक्षा तैनाती के बारे में गहराई से जानकारी थी।
एनआईए के पास अबतक चार अहम सबूत हैं – प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, वीडियो फुटेज, तकनीकी साक्ष्य और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तैयार किए गए स्केच। एजेंसी ने बताया कि इन सबूतों का गहन विश्लेषण किया जा रहा है और जांच को पेशेवर तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों आरोपियों ने 20 और 21 अप्रैल को तीन पाकिस्तानी आतंकियों को ‘ढोक’ में शरण दी थी। उन्होंने न केवल भोजन और आश्रय दिया, बल्कि सुरक्षा तैनाती की जानकारी भी साझा की, जिससे आतंकियों को हमले की योजना बनाने में मदद मिली।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कुछ हजार रुपये के बदले यह सहायता दी। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि हमले में पर्यटकों को निशाना बनाया जाएगा।
एनआईए ने स्पष्ट किया है कि आतंकी हमले के सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है और आगे की जानकारी उचित समय पर सार्वजनिक की जाएगी।