
तेल अवीव, 5 जुलाई 2025:
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर अमेरिका के दौरे पर निकलने वाले हैं और इस बार भी उनके आगमन से पहले ही चर्चाओं का बाजार गर्म है। पिछली बारों की तरह इस बार भी कयास लगाए जा रहे हैं कि नेतन्याहू की अमेरिका यात्रा के साथ किसी बड़े दुश्मन की मौत की खबर जुड़ सकती है।
नेतन्याहू का यह छह महीनों में तीसरा अमेरिकी दौरा है। पिछली दो यात्राओं से इजराइली कार्रवाइयों का गहरा संबंध रहा है। सितंबर 2024 में जब नेतन्याहू UN महासभा को संबोधित करने न्यूयॉर्क गए थे, उसी दौरान बेरुत में हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह मारे गए। जुलाई 2024 में जब नेतन्याहू ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया, तो कुछ ही दिनों बाद तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनिया को टारगेट किया गया।
इस बार चर्चा है कि हमास के कुछ वरिष्ठ नेता नेतन्याहू की “हिट लिस्ट” में हो सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम कतर की राजधानी दोहा में मौजूद खालिल अल-हैया का है। इजराइल के रक्षा मंत्री इसराइल कात्ज ने हाल ही में उन्हें सीधी धमकी दी थी। इसके अलावा गाजा में मौजूद इज्ज अल-दीन अल-हद्दाद, लेबनान के उसामा हमदान, अल्जीरिया के सामी अबू जुहरी जैसे नाम भी सामने आ रहे हैं।
कतर में हमला करना हालांकि आसान नहीं होगा, क्योंकि यह अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है और वहीं US Central Command का मुख्यालय भी है। ऐसे में वहां कोई भी सैन्य कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय विवाद को जन्म दे सकती है।
इस बीच एक और रोचक मोड़ ये है कि अमेरिका और इजराइल फिलहाल गाजा में 60 दिन के संघर्षविराम पर भी बातचीत कर रहे हैं। लेकिन इजराइली मीडिया के मुताबिक, इस डील के पीछे एक “सीक्रेट अंडरस्टैंडिंग” भी है — अगर जरूरी हुआ, तो इजराइल दुश्मनों को चुपचाप खत्म करने की अपनी नीति पर आगे बढ़ सकता है।
नेतन्याहू के इस दौरे के साथ अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि इस बार किस दुश्मन की बारी है।