
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 11 जुलाई 2025:
यूपी की शिवनगरी काशी में श्रावण मास के पहले दिन काशी विश्वनाथ धाम में महादेव की मंगला आरती के साथ एक नई परंपरा का शुभारंभ हुआ। इसके तहत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने इस वर्ष मंडलायुक्त वाराणसी एस. राजलिंगम की पहल पर मंदिर प्रांगण में भक्तों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया।
श्रावण मास का पहला दिन इस बार सोमवार के बजाय शुक्रवार को होने के कारण मंदिर न्यास ने विशेष पहल की। इस नवाचार के तहत मंदिर के तीन शिखरों भगवान विश्वनाथ, भगवान दंडपाणि और भगवान बैकुण्ठेश्वर के सामने भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई, जिसे ‘शिखर आराधना’ का नाम दिया गया। इसके बाद, मुख्य गर्भगृह से भगवान बद्रीनारायण मंदिर तक पुष्प वर्षा के साथ हरि-हर की काशी परंपरा को जीवंत किया गया।
इस नवाचार का तीसरा और अंतिम चरण माता अन्नपूर्णा को समर्पित रहा। तीन थाल पुष्प पत्रदल माता को अर्पित किए गए, जो दिनभर श्रद्धालुओं को माँ अन्नपूर्णा के अक्षत प्रसाद के साथ स्वागत भेंट के रूप में वितरित किए जाएंगे। शुक्रवार को मातृ शक्ति की आराधना के महत्व को देखते हुए यह चरण विशेष रूप से माता अन्नपूर्णा को समर्पित किया गया।
शैव परंपरा में ‘तीन’ की संख्या का विशेष महत्व है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में शिव की त्रिगुणात्मक शक्ति को दर्शाती है। त्रिपुंड तिलक, त्रिदल बेलपत्र और त्रिशूल जैसे प्रतीकों के साथ यह नवाचार शैव परंपरा का अनुपम उदाहरण बना। इस आयोजन में मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण, डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण और तहसीलदार मिनी एल. शेखर ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया।